क्या आप जानते हैं, क्यों दक्षिण अमेरिका की सब्जी बन गई ‘शिमला मिर्च’, दिलचस्प खबर…

‘शिमला मिर्च’, कुदरत की एक ऐसी देन है, जिसका इस्तेमाल सब्जी के जायके में तो होता ही है, वहीं मौजूदा में फास्ट फूड शिमला मिर्च (Capsicum) के बगैर अधूरा रहता है। भारतवर्ष में दक्षिण अमेरिका (South America) की सब्जी, शिमला मिर्च से पहचान रखती है। बेहद कम लोग ही इस बात से वाकिफ होंगे कि दक्षिण अमेरिका की सब्जी का नाम भारत में शिमला मिर्च क्यों पड़ा।
कैप्सिकम को ही शिमला मिर्च परिभाषित किया जाता हैैैै। मूल रूप से यह दक्षिण अमेरिका की सब्जी है। ऐसा बताया जाता है कि कैप्सिकम की खेती सबसे पहले मैक्सिको में की गई थी। यहीं से स्पेन, यूरोप होते हुए भारत पहुंची। 17वीं शताब्दी में कैप्सिकम शाही भोज (royal banquet) का हिस्सा थी। इसी शताब्दी में ब्रिटिश हुकूमत (British rule) ने भारत में साम्राज्य स्थापित करने के कदम बढ़ाए थे। इंग्लैंड में इसे मिर्च (peppers) भी कहा जाता है, इसी कारण शिमला के नाम के साथ मिर्च शब्द भी जुड़ गया होगा। दक्षिण अमेरिका में सब्जी को Bell Peppers भी कहते है।

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भारत पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया। इस दौरान शिमला को ग्रीष्म राजधानी (Summer Capital) बनाया गया। यहां का वातावरण कैप्सिकम की खेती के लिए सही पाए जाने पर अंग्रेज ही कैप्सिकम के बीज शिमला लेकर आए। ऐसा भी बताया जाता है कि शिमला के आसपास ही इन बीजों को रोपित किया गया। पश्चिम देशों से मिलता-जुलता मौसम व मिट्टी बीजों को रास आ गई।

इसके बाद धीरे-धीरे सब्जी का उत्पादन शुरू हुआ तो इसे स्थानीय भाषा में शिमला मिर्च कहा जाने लगा। दिलचस्प ये है कि शिमला मिर्च में तीखापन नहीं है। विशेषज्ञ ये भी बताते हैं कि शिमला की पहाड़ियों की मिट्टी व मौसम खेती के अनुकूूल पाया गया तो इसकी खेती स्थानीय स्तर पर भी लोगों ने करनी शुरू कर दी।

बंपर फसल होने लगी। ऐसी धारणा बन गई कि ये सिर्फ शिमला में ही होती है, लिहाजा  इसे शिमला मिर्च बुलाया जाने लगा। दूसरी वजह ये है कि कैप्सिकम नाम में ब्रिटिश हुकूमत का स्मरण मिलता था, साथ ही शब्द में अपनापन नहीं था। लिहाजा इसे शिमला मिर्च बुलाया जाने लगा। इस बात के साक्ष्य उपलब्ध नहीं है कि इस सब्जी को शिमला मिर्च सबसे पहले किसने कहा था।

पिछले दो दशकों में कृषि अनुसंधानों (agricultural research) ने शिमला मिर्च को नए स्वरूप भी दिए हैं। लाल व पीली शिमला मिर्च स्वाद ही अलग है। आकर्षक होने के साथ-साथ स्वाद में भी ज्यादा जायका है, ये अलग बात है कि ये स्वाद लेने के लिए अधिक दाम भी चुकाने प़ड़ते हैं। सलाद में भी एक अलग ही जायका आता है। दिलचस्प ये है कि कृषि शोध की वजह से शिमला मिर्च की खेती कम ऊंचाई वाले इलाकों में भी शुरू हो गई है।

ये है गुण…
जानकार बताते हैं कि शिमला मिर्च में एंटी आक्सिडेंट होते हैं, जो तनाव को कम करने में सहायक हैं। धमनियों में रक्त संचार भी बेहतर तरीके से होता है। विशेषज्ञों की मानें तो कलरफुल सब्जियों में एंटी आक्सिडेंट (antioxidant) की मात्रा अधिक होती है। विटामिन-ए व विटामिन सी भी पाया जाता है। घुटनों व जोड़ों की समस्या में भी शिमला मिर्च खाने की सलाह दी जाती है। कैलोरी (calories) की मात्रा कम होती है, कोलेस्ट्रोल (cholesterol) भी नहीं बढ़ता।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के प्रभारी डॉ. पंकज मित्तल का कहना है कि इसमें कोई संशय नहीं है कि कैप्सिकम मूल रूप से दक्षिण अमेरिका का उत्पाद है। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान ये शिमला के लोअर बैल्ट इलाके में शोघी व वाकनाघाट में पहुंची। डाॅ. मित्तल का कहना ये भी है कि कम ऊंचाई वाले इलाकों में खेती होती है। हाइब्रिड शिमला मिर्च भी विकसित हो चुकी है।

    ग्रीन हाउस के नियंत्रित तापमान में लाल व पीले रंग की शिमला मिर्च भी उगाई जा सकती है। उनका कहना था कि जब कैप्सिकम की खेती भारत में शिमला के नजदीक हुई तो उस समय शिमला ही एक प्रसिद्ध स्थान हुआ करता था। संभवत इसी कारण इसे शिमला मिर्च का नाम मिल गया।