चिकित्सा उपकरण निर्माता कंपनियां अब डाक्टरों को सैंपल या गिफ्ट नहीं दे पाएंगी। दरअसल मोदी सरकार दवा निर्माता कंपनियों की तर्ज पर अब चिकित्सा उपकरण निर्माता कंपनियों के लिए भी यूनिफॉर्म कोड लागू करने जा रही है। इसी कड़ी में कंपनियों द्वारा डाक्टरों को उपहार देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मेडिकल डिवाइस मार्केटिंग प्रैक्टिस के लिए यूनिफॉर्म कोड का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके तहत फार्मा फर्मों या मेडिकल उपकरण निर्माता कंपनियों से डाक्टरों को किसी भी तरह के उपहार या ऑफर पर रोक लगाने की बात कही गई है। बता दें कि फार्मा सेक्टर के लिए पहले से ही यूनिफॉर्म कोड है, लेकिन अब मेडिकल डिवाइस सेक्टर के लिए भी अलग ड्राफ्ट तैयार किया गया है।
हालांकि, यह कोड उद्योगों के लिए स्वैच्छिक होगा, लेकिन सेल्फ रेगुलेशन पर जोर देते हुए सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर इसे अच्छी तरह से लागू नहीं किया गया तो यह इसे वैधानिक बनाया जा सकता है। केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय के अंतर्गत फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने मेडिकल डिवाइस की मार्केटिंग के लिए जारी मसौदे पर 15 अप्रैल तक सबंधित पक्षों से प्रतिक्रिया मांगी है। सरकार के इस ड्राफ्ट के अनुसार किसी चिकित्सा उपकरण कंपनी या उसके किसी एजेंट द्वारा चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करने, निर्धारित करने या आपूर्ति करने के लिए योग्य व्यक्तियों को कोई उपहार, आर्थिक लाभ या लाभ की आपूर्ति, पेशकश या वादा नहीं किया जाएगा। (एचडीएम)
इसे वैधानिक कोड भी बना सकती है सरकार
16 पन्नों के इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि यूसीएमडीएमपी का ड्राफ्ट एक स्वैच्छिक कोड है और इसके कार्यान्वयन की समीक्षा इसके जारी होने की तारीख से छह महीने की अवधि के बाद की जाएगी। अगर यह पाया जाता है कि इसे मेडिकल डिवाइस एसोसिएशन और कंपनियों द्वारा प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया है, तो सरकार इसे एक वैधानिक कोड बनाने पर विचार कर सकती है। किसी भी गलत काम के मामले में प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यकारी अधिकारी या कंपनी के अधिकृत व्यक्ति को कोड का पालन न करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।