क्या महासागरों से अचानक खत्म हो जाता है ऑक्सीजन? इस स्टडी में हुआ चौकाने वाला खुलासा, पढ़ें

ऑस्ट्रेलिया के महसागरों में तैरती मछलियां. (फोटो: एएफपी)

ऑस्ट्रेलिया के महसागरों में तैरती मछलियां.

पृथ्वी पर जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज ऑक्सीजन ही है, अगर ऑक्सीजन न हो तो सोचिए क्या आप पृथ्वी पर होते? या इतने बड़े महासागर, उनमें रहने वाली मछलियां होती? पृथ्वी पर फिर जीवन ही मुश्किल हो जाता. रोज नए-नए अध्ययन से पता चलता आया है कि जीवन के लिए ऑक्सीजन कितना महत्वपूर्ण है, हर रोज नए निष्कर्ष सामने आते रहते हैं. एक शोध से पता चला है कि  पृथ्वी के महासागरों के पानी में ऑक्सीजन ने ही जीवन को बढ़ाया है लेकिन अचानक से गायब होने के मामले भी बढ़ रहे हैं.

नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक पहले के समुद्री जानवरों के विलुप्त होने के इतिहास को समुद्र में घुलित ऑक्सीजन में परिवर्तन का कारण माना जाता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक इसे ओशन एनोक्सिया कहा गया है जब समुद्री ऑक्सीजन गायब हो जाता है. अध्ययन से पता चला है कि महासागरों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संचार अचानक समाप्त हो सकता है ऐसा तब होता है जब महासागरीय परिसंचरण समय-समय पर बंद होता है. शोधकर्ताओं ने यह जांचने के लिए जटिल कंप्यूटर मॉडल विकसित किए कि क्या महाद्वीपीय प्लेटों के स्थान ऑक्सीजन खत्म करने का कारण बन रहे हैं?

अध्ययन से पता चला है कि वैश्विक जल परिसंचरण में गिरावट के कारण ऊपरी और निचली गहराई में ऑक्सीजन के स्तर के बीच काफी अंतर हो जाता है. यह नुकसान तट के करीब के स्थानों को छोड़कर, पूरे समुद्री तल में फैला हो सकता है.

जबकि शोधकर्ता अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ऐसा दोबारा हो सकता है. उनके मुताबिक यह पहचान करना मुश्किल है कि कब पतन हो सकता है, या यह क्या ट्रिगर करता है, भूविज्ञानी और अध्ययन के सह-लेखक एंडी रिडवेल ने बताया कि मौजूदा जलवायु मॉडल इस बात की पुष्टि करते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से समुद्र का संचलन कमजोर होगा. उन्होंने कहा ‘एक उच्च संकल्प जलवायु मॉडल की पूरी दुनिया को जरूरत है. हमें आज उत्तरी अटलांटिक में पानी के संचलन के बारे में पहले से ही चिंता है, और इस बात के सबूत हैं कि गहराई तक पानी का प्रवाह कम हो रहा है. रिडवेल ने कहा कि असामान्य रूप से गर्मी एक चेतावनी है.