Dog Attack : सोसाइटी-सड़क, पार्क में टहलते समय काट ले रहे कुत्ते, इनके अटैक से बचने की ‘दवा’ क्या है?

गांवों ही नहीं शहरों में दो कमरे के फ्लैट में रहने वाले लोग भी कुत्ते पालते हैं। सुबह-शाम उन्हें टहलाने भी ले जाते हैं। पिछले दिनों कुछ पालतू और आवारा कुत्तों के हमले से कुछ की जान चली गई और सर्जरी कराने की नौबत आने की खबरें पढ़ने से देशभर में एक खौफ सा पैदा हो गया है। स्थानीय स्तर पर प्रशासन नियम सख्त कर रहा है लेकिन हमें भी कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।

नई दिल्ली: पिटबुल, रॉटवीलर जैसे कुत्तों के काटने, सर्जरी कराने, यहां तक कि मौत की खबरें पिछले दिनों लगातार आईं। सोसाइटी में कुत्ते का अटैक हुआ, लिफ्ट में दबोच लिया, सड़क पर पीछे से नोच लिया, पार्क में टहलते समय हमला हो गया। लोग इसके लिए डॉग ओनर को जिम्मेदार ठहराते दिखे लेकिन सड़क पर आवारा कुत्ता भी काट सकता है। ऐसे में इनसे बचने के क्या उपाय हैं? आज ‘जंगल न्यूज’ की इस कड़ी में बात इसी पर, जो इस समय गाजियाबाद-नोएडा से लेकर लखनऊ और दक्षिण भारत के कई शहरों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कुत्ते पालने वाले ध्यान दें
यह आम बात है कि आप बाहर जा रहे हों और कुत्ते से सामना हो जाए। आमतौर पर पालतू कुत्तों के साथ उनके मालिक हुआ करते हैं। सबसे पहले उनके लिए जरूरी है कि वे कुत्ते को अच्छे से पकड़कर चलें और दूसरे को खतरे से बचाने के लिए कुत्ते के मुंह में खोंच (जाब) अवश्य लगाएं। अब कई शहरों में फाइन का नियम भी हो गया है। लेकिन अगर सड़क पर कुत्ता मिल जाए तो आप कैसे बचेंगे? कुछ दिन पहले गाजियाबाद से एक वीडियो आया था जिसमें देखा गया कि एक बच्चा गली में जा रहा है और कुत्ते ने पीछे से आकर पैर में काट लिया, जबकि वह कुत्ते के पास से ही गुजरा था। ऐसे में जरूरी है कि अगर आप सड़क पर चल रहे हैं तो मोबाइल या किसी अन्य चीज में ध्यान न लगाएं इससे आपका दिमाग बंटता है और आप कुत्ते के हमले से अपनी सुरक्षा नहीं कर पाएंगे।

यहां हम आपके लिए कुछ उपाय बता रहे हैं जो मददगार हो सकते हैं।

1. सुबह मॉर्निंग वॉक करते समय या बाहर टहलने जाते समय छोटी छड़ी लेकर चलें। थोड़ा अलर्ट रहें। चलते समय मोबाइल पर बिल्कुल ध्यान न लगाएं। साथ में सीटी भी लेकर चल सकते हैं। उसकी आवाज सुनकर कुछ कुत्ते दूर हो जाते हैं।

2. अगर अचानक रास्ते में कुत्ते से सामना होता है तो उसकी आंखों में मत देखिए। कुत्ता इसे चैलेंज के तौर पर लेता है। ऐसे में आप थोड़ा साइड में देखते हुए बचकर निकलने की कोशिश करें।

3. दांत दिखाते हुए गुस्सा करने से कुत्ता भड़क सकता है, ऐसे में अच्छा होगा मुंह बंद रखें। मुंह खुले रहने को कुत्ता अपने लिए खतरा समझता है।

4. अगर कुत्ते से सामना हो गया है और वह कुछ दूरी पर है तो आप उसे इशारे से जाने को सकते हैं। गांवों में हट, भाग, दुर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। आपके यहां जो शब्द चलन में हो – रुको, बैक, नो आदि का जोर से इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे समय में दोस्ती की नहीं रौद्र रूप दिखाने की जरूरत है।

5. गर्मी के दिनों में आमतौर पर लोग झोले या ऑफिस बैग में पानी की बोतल लेकर चलते हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि स्प्रे वाली बोतल या साधारण बोतल से अगर कुत्ते पर पानी फेंका जाए तो वह भाग सकता है।

6. गांवों में अक्सर बड़े-बूड़े समझाते हैं कि कुत्ता दौड़ाए तो भागो नहीं। ऐसे समय में रुककर उसे डांटिए, जिससे उसे लगे कि आप कोई खतरा नहीं हैं और न ही उसे आपका पीछा करने की जरूरत है।

हालांकि सावधानियां बरतने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कुत्ता नहीं काटेगा। याद रखिए, अगर कुत्ता काटता है तो घबराने की बजाय फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन की ओर से कुत्तों के पालने पर नियम सख्त किए जा रहे हैं। जैसे, कानपुर नगर की सीमा के अंदर पिटबुल रॉटविलर, अमेरिकन बुली जैसे खूंखार नस्ल के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।