इस समय भारतीय न्यूज़ चैनल्स चीखने-चिल्लाने की दुकान बन चुके हैं. लेकिन, जिस वक़्त टेलीविज़न शुरू हुआ था, उस वक़्त न्यूज़ चैनल्स शालीनता का दूसरा नाम थे. ऐसा ही कुछ उस समय के एंकर्स के लिए भी कहा जा सकता है. जाने कहां गए वो दिन
Verve Magazineदूरदर्शन, प्रसार भारती पर रोज़ रात 9 बजे महिला एंकर्स आती थीं. कमाल की अंग्रेज़ी और हिंदी में न्यूज़ पढ़ा करती थीं, चिल्लाती नहीं थी. अगर कोई नेगेटिव न्यूज़ भी पढ़ रही हों तो भी उनकी आवाज़ में स्थिरता, सहजता और सौम्यता होती थी. मतलब आज के दौर के कई लोग ये बात बिना वीडियो प्रूफ़ के शायद न मानें कि बिना चीखे भी न्यूज़ एंकरिंग की जा सकती है.सागदी की मिसाल थे दूरदर्शन के एंकर्स
YouTubeLinkedIn पर हरी सिंह शेखावत ने दूरदर्शन की कुछ महिला एंकर्स की एक तस्वीर शेयर की. बहुत से लोग शायद इन एंकर्स को नहीं पहचान पाएंगे लेकिन हमारे माता-पिता इन्हें नाम और आवाज़ दोनों से जानते होंगे. साड़ी, हल्के मेकअप में टीवी पर न्यूज़ पढ़ने वाली दूरदर्शन की न्यूज़ एंकर्स सभी के लिए सागदी की मिसाल थीं.शेखावत ने आगे लिखा कि उस दौर में टीवी पर सिर्फ़ दो चैनल्स आते थे- DD1 और DD2. 1960 के दशक में सलमा सुल्तान, रीनी सिमोन, उषा, मंजरी जोशी, सरला माहेश्वरी और नीलम शर्मा जैसे कई एंकर्स टीवी पर न्यूज़ एंकरिंग करते थे. सलमा सुल्तान बालों में गुलाब का फूल लगाती थीं और ये तस्वीर बहुत से लोगों को याद होगी. शेखावत ने सरला माहेश्वरी, सलमा सुल्तान, शीला चमन और मीनू तलवार की तस्वीर भी शेयर की. तस्वीर देख कर लोगों की प्रतिक्रिया- 




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