Dr. Saizal inaugurates state level 'Ayush Ghar-Dwar' program from Solan through virtual medium

डाॅ. सैजल ने सोलन से वर्चुअल माध्यम से किया राज्य स्तरीय ‘आयुष घर-द्वार’ कार्यक्रम का शुभारम्भ

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने आज सोलन से वर्चुअल माध्यम से आयुष विभाग द्वारा होम आईसोलेटिड कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को योग के माध्यम से स्वस्थ रखने के लिए राज्य स्तरीय ‘आयुष घर-द्वार’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कार्यक्रम से सम्बन्धित पुस्तिका का अनावरण भी किया।

यह कार्यक्रम प्रदेश के आयुष विभाग एवं आर्ट आॅफ लिविंग संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में योग भारती के प्रशिक्षक भी सेवाएं प्रदान करेंगे। आज के कार्यक्रम में प्रदेशभर से लगभग 80 होम आईसोलेटिड कोविड पाॅजिटिव रोगी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।
डाॅ. सैजल ने इस अवसर पर कहा कि आयुर्वेद मात्र एक चिकित्सा पद्धति ही नहीं अपितु स्वस्थ एवं निरोग रहने की जीवनशैली भी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद जहां एक ओर स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा का साधन है वहीं रोगी को निरोग करने का स्थायी सूत्र है। उन्होंने कहा कि योग आयुर्वेद पद्धति का आधार स्तम्भ है और योग के माध्यम से अनेक जटिल रोगों को भी ठीक किया जा सकता है।

आयुष मंत्री ने कहा कि प्राणायाम जैसी आधारभूत यौगिक क्रियाएं व्यक्ति को कोरोना संक्रमण से उभरने में सहायता प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि योग रोगी को मानसिक रूप से सम्बल प्रदान करता है और उसे शारीरिक रूप से अधिक क्रियाशील कर स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने सभी कोविड पाॅजिटिव रोगियों से आग्रह किया कि बीमारी के क्षणों में अपना आत्मबल बनाए रखें।

डाॅ. सैजल ने कहा कि कोविड-19 महामारी से उभरने में आधुनिक चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद एवं आयुष की अन्य शाखाएं पूर्ण समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। उन्होंने निरन्तर कार्य कर पीड़ित मानवता को सम्बल प्रदान करने के लिए चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को निष्प्रभावी बनाने एवं कोविड पाॅजिटिव रोगियों एवं उनके परिजनों को सहायता पहुंचाने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं तथा धार्मिक संस्थाएं भी सरकारी प्रयासों में सहायक बन रही हैं।

उन्होंने आशा जताई कि ‘आयुष घर-द्वार’ कोविड पाॅजिटिव रोगियों के लिए राहत का सम्बल बनकर उभरेगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इस अवसर पर होम आईसोलेटिड कोरोना पाॅजिटिव रोगियों के घर तक भोजन पहुंचाने के लिए आर्ट आॅफ लिविंग संस्था के मोबाइल नम्बर भी जारी किए।

आयुष विभाग के निदेशक डी.के. रतन ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आयुष घरद्वार कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 30 हजार कोविड पाॅजिटिव होम आईसोलेटिड रोगियों को सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य रोगी की चिंता को समाप्त कर उनके स्वस्थ होने की दर को बढ़ाना, उनके जीवन स्तर में सुधार लाना तथा कोविड-19 संक्रमण के उपरान्त उनके पुनर्वास की प्रक्रिया को बेहतर बनाना है। यह कार्यक्रम रोगियों के मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि करेगा।
कार्यक्रम में अवगत करवाया गया कि प्रत्येक रोगी तक पहुंचने के लिए जूम, व्हाट्सऐप तथा मीट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर लगभग 1000 वर्चुअल समूह गठित किए जा रहे हैं। प्रत्येक समूह में 20 से 30 रोगी, एक आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल कर्मी, नोडल अधिकारी तथा आर्ट आॅफ लिविंग संस्था के प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक सम्मिलत रहेंगे। वर्चुअल सत्र में रोगियों को लाईव चैट, वीडियो लैक्चर एवं दृश्य-श्रव्य सामग्री के माध्यम से योग, प्राणायाम, ध्यान क्रिया, मानसिक स्वास्थ्य, आयुष सिद्धान्त एवं अन्य जानकारियां प्रदान की जाएंगी।
वर्तमान में 20 हजार से अधिक रोगियों के 840 वर्चुअल समूह तैयार कर लिए गए हैं।

इस अवसर पर आर्ट आॅॅफ लिविंग की अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षक सुश्री मीनाक्षी ने सभी को वर्चुअल माध्यम से यौगिक क्रियाओं का अभ्यास करवाया।
योगभारती के राष्ट्रीय संयोजक श्रीनिवास मूर्ति एवं आर्ट एवं लिविंग की सुश्री कमलेश ने योग के माध्यम से निरोगी रहने के विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की।

आयुष विभाग की संयुक्त निदेशक डाॅ. राखी सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, सोलन में अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग चन्द्र शर्मा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।