द्रविड़ इंजर्ड था तभी सिलेक्टर ने मुझसे पूछा और… धोनी कैसे बने 2007 में कप्तान, रवि शास्त्री ने खोला राज

MS Dhoni Rahul Dravid: मशहूर कमेंटेटर और टीम इंडिया के मैनेजर समेत हेड कोच तक की जिम्मेदारी संभाल चुके रवि शास्त्री ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी से जुड़ा 16 साल पुराना किस्सा शेयर किया है।

नई दिल्ली: भारत ने वर्ल्ड क्रिकेट को कई महान कप्तान दिए। मगर आधुनिक काल में किसी इंडियन प्लेयर को महान कहा जाता है तो वह सिर्फ धोनी ही हैं। सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्होंने तीन-तीन आईसीसी ट्रॉफिज दिलाई बल्कि इसलिए कि देश उनका सम्मान करता है। फैंस इज्जत करते हैं। यहां तक कि कई पूर्व कप्तान भी धोनी की लीडरशिप क्वालिटी और प्लेयर्स का 100 परसेंट निकलवाने की काबिलियत के दीवाने हैं। रवि शास्त्री भी इन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने धोनी के खेल को बड़े करीब से ऑबजर्व किया। थोड़ा मैनेजर के रूप में, थोड़ा हेड कोच के रूप में और कुछ बतौर कमेंटेटर।
स्टार स्पोर्ट्स के साथ हालिया इंटरव्यू में एक फैन ने रवि शास्त्री से दिलचस्प सवाल किया। सवाल था कि अगर आप अभी आईपीएल में खेल पाते तो किसकी कप्तानी वाली टीम में जाना पसंद करते। शास्त्री की पहली पसंद भी धोनी ही थे। वह कहते हैं, मजा आएगा धोनी की कैप्टेंसी में खेलने में। बतौर कप्तान उनका रिकॉर्ड ऐसा करने पर मजबूर करता है।’

भारत के हेड कोच रहे शास्त्री जो 1983 वर्ल्ड कप विनिंग टीम के मेंबर भी थे, ने याद किया कि कैसे 2007 में धोनी टीम इंडिया के कप्तान चुने गए। बकौल शास्त्री, ‘कूलनेस तो उसका सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है ही, लेकिन जिस तरह से वह खेल को पढ़ता और समझता है वह शानदार है। मुझे याद है जब मैं 2007 में मैनेजर था और दिलीप वेंगसरकर चयनकर्ता थे, तब ईडन गार्डंस में प्रैक्टिस सेशन के दौरान राहुल द्रविड़ इंजर्ड हो गए। इसी दौरान हमारी बातचीत में धोनी का नाम सामने आया। वेंगसरकर ने मुझसे पूछा और मैंने कहा, ‘इस आदमी के पास नेतृत्व की गुणवत्ता है।’

बाद बाकि जो हुआ वो इतिहास है। 2007 में साउथ अफ्रीका में हुए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत ने युवा प्लेयर्स से सजी भारतीय टीम की कमान युवा महेंद्र सिंह धोनी की हाथ में सौंपी। फाइनल में पाकिस्तान को पटखनी देकर चैंपियनशिप जीती गई, इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी और फिर 2011 में 50 ओवर का वर्ल्ड कप भी माही की ही कप्तानी में भारत आया।