नई दिल्ली. एक कहावत है- आना और छा जाना. श्रीलंका के प्रबध जयसूर्या (Prabath Jayasuriya) ने क्रिकेट जगत में ऐसी ही एंट्री की है. उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट यानी डेब्यू टेस्ट मैच में 12 विकेट झटक लिए. यह उनके प्रदर्शन का ही नतीजा रहा कि श्रीलंका से पहला टेस्ट मैच 10 विकेट से जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरे टेस्ट मैच में पारी से हार गई. तो क्या श्रीलंका को और दुनिया को नया क्रिकेट स्टार मिल गया है? क्रिकेट इतिहास तो यही कहता है कि ऐसा मानना जल्दबाजी होगी.
दुनिया के सामने नरेंद्र हिरवानी और रॉबर्ट मैसी के रूप में दो उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि ड्रीम डेब्यूट कामयाब करियर की गारंटी नहीं है. प्रबध जयसूर्या को यह ध्यान में रखना होगा. उन्हें ऐसे खिलाड़ियों के करियर से सबक लेना होगा, जो आए और छा गए, लेकिन जल्दी ही सीन से गायब भी हो गए. जयसूर्या के सामने तो उनके ही देश के प्रवीण जयविक्रमा का उदाहरण भी है, जिन्होंने पिछले ही साल अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 11 विकेट झटके थे और आज की तारीख में उन्हें अपने ही देश की प्लेइंग इलेवन में भी जगह बनाने में मुश्किल हो रही है.
जयसूर्या पर दांव खेल सकता है मैनेजमेंट
बाएं हाथ के स्पिनर प्रबध जयसूर्या के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि उनका यह प्रदर्शन तब सामने आया है, जब श्रीलंका की टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है. ऐसे वक्त में अच्छा प्रदर्शन कर टीम में लंबे समय के लिए जगह बनाई जा सकती है. 30 साल के जयसूर्या के लिए एक और अच्छी बात यह है कि उन्होंने उस ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह प्रदर्शन किया है, जो एक हफ्ते पहले ही श्रीलंका को 10 विकेट से हरा चुकी थी और जिसके कारण उसका आत्मविश्वास आसमान पर था. इस ऑस्ट्रेलिया की टीम में डेविड वॉर्नर, स्टीवन स्मिथ, मार्नस लैबुशेन और उस्मान ख्वाजा जैसे खिलाड़ी हैं, जो स्पिन गेंदबाजी को बेहतर ढंग से खेलते हैं. ऐसे में श्रीलंका क्रिकेट का मैनेजमेंट जयसूर्या पर लंबे समय के लिए दांव लगा सकता है.
हिरवानी और मैसी के नाम है विश्व रिकॉर्ड
अब बात कुछ इतिहास और रिकॉर्ड की. अपने पहले ही टेस्ट मैच में सबसे अधिक विकेट लेने का कारनामा ऑस्ट्रेलिया के रॉबर्ट मैसी और नरेंद्र हिरवानी के नाम दर्ज है. रॉबर्ट मैसी ने 1972 में इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच में 16 विकेट झटके थे. इसके 16 साल बाद नरेंद्र हिरवानी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में इतने ही विकेट झटके. इस तरह हिरवानी ने मैसी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली.
जयसूर्या, फ्रेडरिक मार्टिन और जेसन क्रेजा बराबरी पर
रही बात प्रबध जयसूर्या की तो वे डेब्यू टेस्ट मैच में बेस्ट परफॉर्मेंस करने के मामले में पांचवें नंबर पर हैं. उन्होंने डेब्यू टेस्ट मैच में 12 विकेट झटककर फ्रेडरिक मार्टिन और जेसन क्रेजा के रिकॉर्ड की बराबरी की है. इंग्लैंड के मार्टिन आज से 132 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 12 विकेट लिए थे. ऑस्ट्रेलिया के जेसन क्रेजा ने 2008 में भारत के खिलाफ डेब्यू किया था और अपने पहले ही टेस्ट मैच में 12 विकेट ले उड़े थे. प्रबध जयसूर्या दुनिया के तीसरे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में 12 विकेट झटके हैं.
नरेंद्र हिरवानी और रॉबर्ट मैसी 16-16 विकेट लेकर ‘डेब्यू टेस्ट में बेस्ट’ परफॉर्मेंस की लिस्ट में पहले दो स्थान पर काबिज हैं. अगले तीन स्थान फ्रेडरिक मार्टिन, जेसन क्रेजा और प्रबध जयसूर्या के नाम है. प्रवीण जयविक्रमा समेत 8 गेंदबाज अपने पहले टेस्ट मैच में 11-11 विकेट ले चुके हैं. चार गेंदबाज ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 10 विकेट लिए. 16 गेंदबाजों ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 9-9 विकेट लिए हैं.
भारतीय रिकॉर्ड की बात करें तो नरेंद्र हिरवानी के अलावा कोई भी गेंदबाज अपने पहले टेस्ट मैच में 10 या इससे अधिक विकेट नहीं ले सका है. मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन ने अपने पहले टेस्ट मैच में 9-9 विकेट लिए थे. अगर हम ‘डेब्यू टेस्ट में बेस्ट’ परफॉर्मेंस की ग्लोबल लिस्ट देखें तो शमी और अश्विन क्रमश: 24वें और 25वें नंबर पर हैं. अगर हम ‘डेब्यू टेस्ट में बेस्ट’ परफॉर्मेंस की भारतीय लिस्ट बनाएं तो शमी और अश्विन क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर आ जाते हैं.
रही बात ड्रीम डेब्यू के बार करियर की तो इसका रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. दुनिया में अब तक सिर्फ पांच खिलाड़ी (हिरवानी, मैसी, मार्टिन, क्रेजा और जयसूर्या) ही ऐसे हुए हैं, जिन्होंने अपने टेब्यू टेस्ट मैच में 12 या इससे अधिक विकेट लिए. इनमें से चार (हिरवानी, मैसी, मार्टिन, क्रेजा) संन्यास ले चुके हैं. इन चारों ही खिलाड़ियों का करियर 20 या इससे कम टेस्ट मैच का रहा. इन चारों में नरेंद्र हिरवानी ने सबसे अधिक 17 टेस्ट मैच खेले हैं. मैसी का करियर 6 टेस्ट मैच का रहा, जबकि मार्टिन और क्रेजा सिर्फ दो-दो टेस्ट मैच खेल सके. ऐसे में प्रबध जयसूर्या को यह ख्याल रखना होगा कि ड्रीम डेब्यू तो शुरुआत है. करियर में कामयाब होने के लिए उन्हें लगातार अच्छा खेलना होगा