प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी की राशनिंग के बीच शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है। शहर के दो बड़े स्टोरेज टैंकों रिज और संजौली समेत कई अन्य टैंकों से लिए पेयजल सैंपल फेल हो गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सोमवार को आई ताजा जांच रिपोर्ट के अनुसार इनका पानी पीने लायक नहीं है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी की राशनिंग के बीच शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है। शहर के दो बड़े स्टोरेज टैंकों रिज और संजौली समेत कई अन्य टैंकों से लिए पेयजल सैंपल फेल हो गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सोमवार को आई ताजा जांच रिपोर्ट के अनुसार इनका पानी पीने लायक नहीं है। एकसाथ कई टैंकों के सैंपल फेल होने से कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है। चिंता की बात यह है कि शहर के दो सबसे बड़े स्टोरेज टैंकों रिज और संजौली टैंक से भरे पानी के सैंपल दूसरी बार फेल हुए हैं। 25 अगस्त को इन टैंकों से लिए पानी के सैंपल फेल हुए थे। कंपनी ने फिर 26 अगस्त को दोबारा सैंपल लिए। इसकी रिपोर्ट सोमवार को आई है। दूसरी बार भी यह जांच में सही नहीं पाए गए हैं।
इन टैंकों से अभी भी लोगों को पानी सप्लाई हो रहा है। रिज टैंक से शहर के सेंट्रल जोन में पानी की सप्लाई होती है। संजौली से भी साथ लगते कई वार्डों में पानी सप्लाई किया जाता है। शहर के ढींगू टैंक, फागली टैंक, चक्कर टैंक और भीमाकाली टैंक के सैंपल फेल हुए हैं। आईजीएमसी के विशेषज्ञों के मुताबिक सैंपल रिपोर्ट में एमपीएन 23 दर्शाया है, इसका मतलब पेयजल में गाद या बैक्टीरिया हो सकता है। इससे पहले 25 अगस्त को भी मेन्सफील्ड, ढली, इंजनघर, कैलस्टन, भराड़ी, फिंगास्क टैंक के सैंपल फेल हुए थे। हालांकि दूसरे सैंपल में ज्यादातर के सैंपल सही पाए गए हैं। कंपनी ने पहले पानी उबालकर ही पीने की एडवाइजरी जारी कर रखी है।
कंपनी ने सैंपलिंग पर उठाए सवाल
शहर में एकसाथ कई टैंकों के सैंपल फेल होने के बाद सोमवार को ही कंपनी ने बैठक बुला ली। इसमें जीएम अनिल मेहता, एजीएम सुमित सूद ने पानी की सैंपलिंग पर चर्चा की। अधिकारियों ने कहा कि एक हफ्ते पहले ही रिज टैंक की सफाई की है। ऐसे में इसके सैंपल फेल नहीं हो सकते। कंपनी ने सैंपल लेने की व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिए। शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानी के सैंपल लेता है। कंपनी ने फैसला लिया है कि मंगलवार से सैंपल लेने की प्रक्रिया अधिकारियों के सामने होगी। कंपनी का कहना है कि यदि लगातार तीन बार एक टैंक के सैंपल फेल होते हैं तो सप्लाई बंद की जाती है। अभी इन टैंकों के तीसरी बार सैंपल लिए जाएंगे। क्लोरीनेशन सही तरीके से की जा रही है, ऐसे में गंदे पानी का सवाल नहीं उठता।
सार्वजनिक नलकों में भी गंदा पानी
शहर में नगर निगम के संजौली दफ्तर के पास लगे सार्वजनिक नलके से लिए पानी के सैंपल भी फेल निकले हैं। इसके अलावा ईदगाह, रुल्दूभट्ठा और मालरोड पर रोटरी टाउन हाल के पास लगे सार्वजनिक नलके के सैंपल फेल निकले हैं।