फिल्में सिर्फ मनोरजंन के लिए नहीं होती हैं बल्कि इनसे आपको काफी कुछ सीखने को मिलता है। कोई मूवी सोशल मैसेज देकर जाती है तो किसी फिल्म से बच्चों की परवरिश और बचपन में होने वाली समस्याओं पर जोर दिया जाता है। फिल्म दृश्यम से आप कुछ पैरेंटिंग लेसन सीख सकते हैं।
अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम’ काफी सफल हुई थी और अब इस फिल्म का दूसरा भाग ‘दृश्यम 2’ आ रही है। यह थ्रिलर मूवी 18 नवंबर को रिलीज होगी। आपको लगता होगा कि यह फिल्म काफी सस्पेंस और थ्रिलर से भरी है जो कि सच भी है लेकिन क्या आपका ध्यान इस ओर गया है कि अजय देवगन किस तरह अपनी बेटी की रक्षा करते हैं। जी हां, दृश्यम मूवी से आप पैरेंटिंग स्किल्स के बारे में भी जान और समझ सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि इस फिल्म से पैरेंट्स को क्या सीखने को मिलता है।
एजुकेशन कितनी बड़ी है
अजय देवगन ने विजय सालगांवकर का किरदार निभाया है और उन्हें देखकर आप समझ सकते हैं कि पढ़ाई सिर्फ बड़े स्कूल-कॉलेजों या ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट तक ही सीमित नहीं है। इससे आप समझ सकते हैं कि बच्चे को सिर्फ अच्छे स्कूल में ही दाखिला दिलवाना काफी नहीं होता है। वो अपने जीवन के अनुभवों से भी बहुत कुछ सीख सकता है और शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबें पढ़ना नहीं है।
अपनी पसंद को फॉलो करो
विजय को फिल्में देखने का शौक था और उसने खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए जो भी किया, वो सब फिल्मों से ही सीखा था। इससे पैरेंट्स को भी यह सीख मिलती है कि वो अपने बच्चों को वो काम करने दें जिसमें उन्हें मजा आता हो या जिसमें उनकी दिलचस्पी हो।
पिता हमेशा मौजूद है
इस फिल्म को देखकर आप साफ तौर पर यह समझ सकते हैं कि हालात चाहे जैसे भी हों, कितनी ही बड़ी मुश्किल क्यों ना आ जाए, पिता हमेशा अपने परिवार के आगे ढाल की तरह खड़े होते हैं।
घमंड नहीं करना चाहिए
विजय ने कभी भी अपनी समझदारी, बुद्धिमानी, अक्ल और रणनीति पर घमंड नहीं किया और शायद यही वजह थी कि वो इतना आगे तक आ पाया। आप भी अपने बच्चे को इस नेगेटिव चीज से बचना सिखाएं।
बच्चे भोले होते हैं
विजय को पता था कि उसकी छोटी बेटी अभी नादान है और सारा राज खोल सकती है इसलिए उसने किसी को भी बिना बताए पूरा प्लान ही बदल दिया। आप भी अपने बच्चों के भोलेपन को समझें।