जादूगर नगरी मुम्बई से जो मनोरंजन इंडस्ट्री से नशे को लेकर समाचार आ रहे है उससे तो ऐसा लगता है कि मनोरंजन इंडस्ट्री मे ड्रग्स इंडस्ट्री पुरी तरह फल फूल रही है। अभी आखिरी खबर सबको हंसाने वाली भारती सिंह उनके पति हर्ष की गिरफ्तारी की है। एन.सी.बी ने उनके प्रोडक्शन हाउस और घर पर छापेमारी के दौरान गांजा की खेप पकड़ी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एन.सी.बी के सूत्रों के अनुसार पति- पत्नी ने गांजे को इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की है। पिछले दो महीने से चलाये जा रहे इस अभियान मे अभी तक एन.सी.बी 25 गिरफ्तारियां कर चुका है, परन्तु इसमे कुछ छोटे सप्लायर को छोड़ कर कन्जयूमरस को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक कोई बड़ा डीलर एन.सी.बी के हाथ नहीं चढ़ा है। दूसरी बात है कि फिल्म इंडस्ट्री जो की चकाचौंध वाली इंडस्ट्री है और युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करती है अन्दर से खूब खोखली है।
गांजे के साथ ही एक मशहूर फिल्म “हरे रामा हरे कृष्णा” की याद आ गई और साथ ही उसका हमारे जमाने का वह लोकप्रिय गीत “दम मारो दम मिट जाए गम” ! क्या भारती सिंह गांजा के दम लगा कर गम मिटा रही है ? वह सब को हंसाती है और क्या खुद गमगीन है। लोगों को तो यह भ्रम है जो पर्दे पर है वह ख़ुशनसीब है, परन्तु जब से कंगना ने फिल्मी दुनिया का ड्रग्स को लेकर भांडा फोड़ा है और एजेंसियों ने जांच शुरू की है, तब से इस खूबसूरत दिखने वाली फिल्मी दुनिया की एक छुपी कहानी जो दुखदायी है पता चल रही है। राजकपूर की फिल्म “मेरा नाम जोकर” मे जरूर मनोरंजन करने वाले रंगकर्मियों की व्यथा बताने का प्रयास किया था। वैसे भी यह कलाकार दोहरी जिंदगी जीते है और दोहरी शक्ल रखते है एक अपने लिए और एक पर्दे के लिए। यह दोहरा चरित्र चल चित्र के लिए जरूरी भले हो लेकिन इन कलाकारों के लिए इसे जीना आसान नहीं है।