बिहार में कोसी नदी के अशांत प्रवाह के कारण स्थिति चिंताजनक हो गई है। राज्य के भागलपुर जिले में कोसी नदी द्वारा किए जा रहे कटान के कारण हालात यह हो गए हैं कि नदी किनारे रहने वाले लोग खुद ही अपने घरों को तोड़ रहे हैं और मलबा सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं।
मानसून की शुरुआत होते ही बिहार में बाढ़ ने अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है। बिहार में कोसी नदी के अशांत प्रवाह के कारण स्थिति चिंताजनक हो गई है। राज्य के भागलपुर जिले में कोसी नदी द्वारा किए जा रहे कटान के कारण हालात यह हो गए हैं कि नदी किनारे रहने वाले लोग खुद ही अपने घरों को तोड़ रहे हैं और मलबा सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। इन लोगों ने सरकार पर उनके हालात का संज्ञान ना लेने का आरोप लगाया गया है।
कोसी नदी में बाढ़ के पीड़ितों ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार कहने के बावजूद हमारी शिकायतों पर अब तक ना तो सरकार ने और ना ही किसी अन्य राजनेता ने संज्ञान लिया है। इसके कारण हमें खुद ही अपना घर तोड़ना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि नदी कटान करेगी तो पूरा घर नदी में समा जाएगा, कुछ नहीं बचेगा, ऐसे कम से कम हम मलबा तो बचा ले रहे हैं। इन ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा हमें कोई सुविधा नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि कटान को रोकने के लिए वे अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नदी के पानी के बहाव के कारण सब बेकार हो जा रहा है।
वहीं, भागलपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने इस पर कहा है कि प्रशासन द्वारा स्थिति पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव नदी के किनारे बसा है। टीम को मौके पर भेजा गया है। हम कटाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहां ज्यादा कटाव होता है।