Meeting organized under Pre-conception and Pre-natal Diagnostic Techniques Act

सीटी स्कैन और बायोप्सी न होने की वजह से सोलन अस्पताल में ब्लैक फंगस का इलाज सम्भव नहीं : राजन उप्पल

ब्लैक फंगस इंफेक्शन जिसे अब ‘महामारी’ करार दिया गया है यह बीमारी हिमाचल में भी अपने पैर पसारने में लगी है | शुरूआती तौर पर अभी  ब्लैक फंगस के  मामले बेहद कम है | लेकिन इस बीमारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है | शुरुआती तौर पर कोरोना के मामले भी बेहद कम पाए गए थे लेकिन अब यह संख्या हज़ारों में है | इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को बेहद चौकन्ने रहने की आवश्यकता है | यह ब्लैक फंगस ज़्यादा न फैले इस के लिए स्वास्थ्य विभाग को  जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि,  इस बिमारी को शुरूआती दौर पर ही नियंत्रित किया जा सके | लेकिन अभी स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से अलर्ट दिखाई नहीं दे रहा है और इस जानलेवा बिमारी को नियंत्रित करने के लिए अभी  साधनों की भी कमी देखी  जा रही है | 
जब इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजन उप्पल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह बीमारी  कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि यह वर्षो से चली आ रही है | लेकिन आज कल इसके मामले कुछ अधिक आ रहे है | उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है उसे ब्लैक फंगस बीमारी अपने शिकंजे में ले लेती है | जिसके कई घातक परिणाम रोगी को भुगतने पड़ते है | उन्होंने बताया कि अभी जिला के क्षेत्रीय अस्पतला में इसका ईलाज सम्भव नहीं है क्योंकि अस्पताल में सीटी स्कैन और बॉयप्सी  टैस्ट होना ज़रूरी है लेकिन दोनों सुविधाएं सोलन अस्पताल में नहीं मिल रही है  और न ही अस्पताल में इस की दवा उपलब्ध है | जिसकी वजह से इस बीमारी का इलाज यहाँ सम्भव नहीं है | उन्होंने बताया कि  इसका इलाज केवल शिमला में हो रहा है |