दशहरा को विजयदशमी, आयुधपूजा के नाम से भी जाना जाता है
राम लीला चाहे आज ग्रंथो के हिसाब से नहीं मनाते है. सोशल मिडिया में हो रहे वायरल वीडियो में रावण बुलेट में आ रहा हो यां कभी सीता माता सन रुफ गाडी में. लेकिन धर्मशाला के दाढ़ी और कोतवाली बाजार में आज भी भगवान श्री राम को याद करते हुए लोगों में रामायण को पूर्ण रूप से सत्यता को दिखाया जाता हैं.
आपको बता दें दशहरा को विजयदशमी, आयुधपूजा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, दशहरा का यह पावन पर्व हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. देशभर में आज यानी 5 अक्तूबर बुधवार के दिन दशहरा मनाया जा रहा है.
रावण के माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण और प्रभु श्रीराम के बीच यह युद्ध दस दिनों तक चलता रहा. अंत में आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को भगवान राम ने मां दुर्गा से प्राप्त दिव्यास्त्र की मदद से अहंकारी रावण का अंत कर दिया. रावण की मृत्यु को असत्य पर सत्य और न्याय की जीत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. प्रभु राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी. इसलिए यह दिन विजया दशमी कहलाया.
इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी किया था. महिषासुर नामक इस दैत्य ने तीनों लोक में उत्पात मचाया था. देवता भी जब इस दैत्य से परेशान हो गए थे. देवत ताओं को और पूरी दुनिया को महिषासुर से मुक्ति दिलाने के लिए देवी ने आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को महिषासुर का अंत किया था.
देवी की विजय से प्रसन्न होकर देवताओं ने विजया देवी की पूजा की और तभी से यह दिन विजया दशमी कहलाया. साथ ही इस दिन अस्त्रों की पूजा भी की जाती है.