राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में करीब 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से भारतमाला परियोजना के तहत 29 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway NH-248BB) का निर्माण जारी है. यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है. दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे कई मायनों में खास होगा. दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर के लोगों को जाम से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा. सोहना रोड, गोल्फ कोर्स रोड और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड की ओर ट्रैफिक में सुधार होगा. दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की हवा की गुणवत्ता में भी बेहतर होगी.
यह प्रोजेक्ट चार फेज में पूरा किया जा रहा है. दिल्ली से लेकर हरियाणा के खेड़की धौला तक द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है. इसमें से 18.9 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में जबकि 10.1 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है. दिल्ली में इस हाइवे की शुरुआत एनएच-8 के पास शिव मूर्ति के पास से हो रही है, जिस पर निर्माण कार्य जारी है. यह हिस्सा द्वारका के सेक्टर-21 से होते हुए गुड़गांव के सेक्टर 88, 84, 83 और 99-103 से गुजरेगा और खेड़की दोला टोल प्लाजा तक जाएगा. दिल्ली एयरपोर्ट को एक टनल के जरिए कनेक्ट किया जाएगा.
यह 16-लेन एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेस-वे है. दोनों तरफ कम से कम तीन-तीन लेन सर्विस रोड होगी. द्वारका एक्सप्रेसवे में 4 मल्टी लेवल इंटरचेंज (टनल/अंडरपास, एलिवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर) बन रहे हैं. जब यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा तो द्वारका के सेक्टर-25 में आने वाले इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (आइआइसीसी) तक सीधी पहुंच होगी. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस-वे के किनारे 12 हजार पौधे लगाए जाएंगे.
यह अपनी तरह का पहला एक्सप्रेस-वे है जिसमें दो लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल होगा. यानी एफिल टावर से 30 गुना अधिक स्टील का इस्तेमाल इसके निर्माण में किया जाएगा. इसके अलावा, 20 लाख घन मीटर कंक्रीट (बुर्ज खलीफा के कंक्रीट का छह गुना) का इस्तेमाल होगा. देश की पहली 3.6 किमी लंबी और 8 लेन चौड़ी अर्बन टनल भी इसी एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के तहत बनाई जाएगी.