ई कॉमर्स कंपनियों ने इस वजह से बांधे हाथ, फ्रैशर्स को नहीं मिलेगी मोटी सैलरी, जानिए ऐसा क्यों

Ecommerce Firms: दर्जनों कंपनियां कैंपस हायरिंग की प्लानिंग बना रही है। वहीं जोमैटो, इंडस इंसाइडस और प्रॉकमार्ट का कहना है कि कैंपस हायरिंग का उनका टार्गेट पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। ईटी में छपी खबर के मुताबिक, कंपनियों ने पिछले साल जितनी हाईक दी है, इस बार उससे कम हाईक ही देंगी। इसकी वजह फंडिंग की कमी है।

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कोरोना काल के बाद से अभी कंपनियों का मुनाफा ज्यादा नहीं बढ़ पाया है

नई दिल्ली: अगर आपको नौकरी की तलाश है तो आपके लिए अच्छी खबर नहीं है। अब ई-कॉमर्स कंपनियों (Ecommerce Firms) ने अपने हाथ बांध लिए हैं। कंपनियां अब नई हॉयरिंग (Job) में लोगों को ज्यादा सैलरी नहीं देंगी। ईटी में छपी खबर के मुताबिक, कंपनियों ने पिछले साल जितनी हाईक दी है, इस बार उससे कम हाईक ही देंगी। इसकी वजह फंडिंग की कमी है। ई-कॉमर्स कंपनियां अब ज्यादा प्रॉफिट कमाने पर ध्यान दे रही हैं। वहीं कई कंपनियां अब कैंपस हायरिंग का भी प्लान बना रही हैं। कैंपस हायरिंग से कंपनियों का खर्चा बचेगा।

कैंपस हायरिंग की तैयारी
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, दर्जनों कंपनियां कैंपस हायरिंग की प्लानिंग बना रही है। वहीं जोमैटो, इंडस इंसाइडस और प्रॉकमार्ट का कहना है कि कैंपस हायरिंग का उनका टार्गेट पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। पेटीएम और ड्रीम स्पोर्टस के मुताबिक, वो भी कैंपस हायरिंग करेंगे लेकिन कितने लोगों की हायरिंग करेंगे इस बारे में अभी कुछ प्लान नहीं बनाया है। जानकारों के मुताबिक, कोरोना काल के बाद से अभी कंपनियों का मुनाफा ज्यादा नहीं बढ़ पाया है। ऐसे में कंपनियां अपना मुनाफा बढ़ाने के ऊपर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। ऐसे में वो नई हायरिंग में फ्रैशर्स को ज्यादा सैलरी नहीं देने का प्लान बना रही हैं।

नहीं मिलेगा मोटा पैकेज
इस बार कंपनियां लोगों को मोटा पैकेज नहीं देने के मूड में है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एडटेक स्टार्टअप सिंपली लर्न के चीफ एक्जीक्यूटिव कृष्ण कुमार ने बताया कि हम कैंपस हायरिंग कर सकते हैं लेकिन मोटा पैकेज नहीं मिलेगा। वहीं पिछले साल के मुकाबले हायरिंग कम होने की भी आशंका है। हायरिंग के लिए वो इंजीनियरिंग कॉलेज के मुकाबले बिजनेस कॉलेजों के स्टूडेंटस को लेना ज्यादा पसंद करेंगे। वहीं जो भी हायरिंग होगी वो रिलेशनशिप सेगमेंट में ज्यादा होगी। रेजर पे, सिंपली लर्न, कैश करो और नो ब्रोकर कंपनियों के मुताबिक, इस साल हायरिंग सामान्य या पिछले साल के मुकाबले कम रह सकती है।