यह दुनिया का सबसे विशालकाय उड़ने वाला पक्षी है. एंडियन कंडोर(Andean condor) नाम के इस गिद्ध प्रजाति के पक्षी के पंखों का फैलाव 11 फीट तक तथा वजन 15 किलो तक होता है. कभी कभी ये अपने वजन से ज्यादा खा लेता है. तब ये आराम करता है. जब खाना पचा लेता है तब उड़ने की कोशिश करता है. (Peru Media)
आमतौर पर ये पक्षी एंडीज पर्वतश्रृंखला के आसपास पाया जाता है. एंडीज पर्वत श्रृंखला दुनिया में सबसे लंबी है और कई देशों तक फैली है, इसमें लेटिन अमेरिका के 07 देश आते हैं, जिसमें वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरु, बोलिविया, चिली और अर्जेंटीना शामिल हैं. इस पहाड़ी श्रृंखला के आसपास ये उड़ता या बैठा हुआ नजर आ जाएगा. ये अपना घोंसला बहुत ऊंचाई पर बनाता है. कुछ लोग इसके आकार प्रकार के कारण इसे दुनिया का सबसे बड़ा उड़ता हुआ जानवर भी कहते हैं. (wiki commons)
इसे लेकर एंडीज से जुड़ी मिथकीय कहानियां भी हैं. फोटो में आप इसके आकार प्रकार को देख रहे हैं. इसमें नर और मादा के बीच एक ही भेद होता है. इसकी गर्दन पर अगर सफेद रंग का कॉलर है तो ये नर होता है अन्यथा मादा. आमतौर पर ये अर्जेंटीना और पेरु में ज्यादा पाया जाते हैं. वैसे अब जिस तरह इनकी संख्या घठ रही है तो उन्हें विलुप्त होने वाली प्रजातियों के करीब माने जाने लगा है. वजह है जंगलों का कटाव और इनका शिकार.
एंडीयन कोंडोर आमतौर पर ऊंचाई पर रहते हैं. वो समुद्र के किनारे आई मरी मछलियों को खाते हैं. वैसे वो दूसरे मृत जंतुओं को खा लेते हैं. इस लिहाज से उन्हें पर्यावरण को साफ रखने वाला पक्षी कहा जा सकता है. वैसे दूरदराज के सन्नाटे वाले समुद्र तटों पर भी उन्हें लेटिन अमेरिका में देखा जाता है. खाने की तलाश में वो रोज तकरीबन 120 मील उड़ते हैं. हालांकि वो दूसरी पक्षियों के घोंसले में भी झपट्टा मारकर खाना खा लेते हैं. आमतौर पर वो बहुत अच्छे शिकारी गिद्ध प्रजाति के पक्षी नहीं होते. (wiki commons)
चूंकि वो अच्छे शिकारी नहीं होते और उनका शरीर शिकार करने के लिए नहीं बना लगता लेकिन ये भी है कि वो मझोले आकार वाले जानवरों को मानरे में सक्षम होते हैं, जैसे भेड़ और इसी तरह के जानवर. इनकी उम्र 60 से 75 साल तक होती है. हालांकि एंडीज पहाड़ियों पर निवास करने वाले लोग उन्हें अमर पक्षी मानते हैं. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उन्हें बुरा मानते हैं और मार देते हैं. वैसे उनकी प्रजनन दर कम होती है. 05-06 साल की उम्र के बाद वो प्रजनन में सक्षम होते हैं.(wiki commons)
इन पक्षियों के साथ एंडीज पहाड़ियों से लगे इलाकों में होने वाले समारोहों में अच्छा सलूक नहीं होता. पेरु और अर्जेंटीना में इन्हें बैलों की पीठ पर बिठाकर दौड़ा जाता है. और तब दोनों आपस में लड़ते हुए देखे जाते हैं. जिसका लोग मजा लेते हैं. पीठ से कोंडोर को इस तरह बांध दिया जाता है कि वो ना तो उड़ सकता है और ना गिर सकता है, वैसे बैल उसे दौड़ के दौरान लगातार गिराने की ही कोशिश करता है. हालांकि इन खेलों पर अब प्रतिबंध लगाया जा रहा है. दरअसल इस दौड़ के दौरान कोंडोर जब तनाव में आ जाता है तो वह बैल के कानों को खाने की कोशिश करता है या फिर उनकी पीठ पर चोंच मारता है(Peru Media)
वैसे लेटिन अमेरिका में रहने वाली इंका ट्राइब्स कोंडोर को भगवान का दर्जा देती है. वो दुनिया में जिन तीन चीजों की पूजा करती है, उसमें प्यूमा यानि पृथ्वी, स्नेक यानि पृथ्वी का अंदर का हिस्सा और कोंडोर पक्षी है. चूंकि कोंडोर बहुत ऊंचा उड़ते हैं, तो इंका लोगों को लगता है कि वो भगवान के मैंसेजर हैं. उन्हें अमर माना जाता है.(wiki commons)