इंसानों द्वारा जानवरों के शोषण और दुर्व्यवहार के मामले समय के साथ बढ़े हैं. ऐसे में इक्वाडोर ने एक सराहनीय कदम उठाया है. दक्षिण अमेरिका का यह देश जंगली जानवरों को कानूनी अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इक्वाडोर ने सुनिश्चित किया है कि जंगली जानवरों को वे अधिकार मिले जिनके वे हकदार हैं. साथ ही वो बिना शोषण के स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जिएं.
इक्वाडोर की सर्वोच्च अदालत ने उस मामले के पक्ष में फैसला सुनाया है जिसमें एक बंदर पर ध्यान केंद्रित किया गया था. एस्ट्रेलिटा नाम का यह बंदर सिर्फ एक महीने का था जब उसे जंगल से दूर ले जाया गया ताकि वह लाइब्रेरियन एना बीट्रिज़ बरबानो प्रोआनो के लिए एक पालतू बन सके. प्रोआनो ने 18 साल तक एस्ट्रेलिटा की देखभाल की. आगे 2019 में पुलिस अधिकारियों द्वारा एस्ट्रेलिटा को जब्त कर लिया गया था.
दरअसल, दक्षिण अमेरिकी देश में जंगली जानवरों का मालिक होना अवैध है. बता दें, एक चिड़ियाघर में स्थानांतरित होने के बाद एस्ट्रेलिटा उदास हो गया और मर गया. इस दुखद घटना के बाद, मालिक एना बीट्रिज़ बरबानो ने कोर्ट का दरबाजा खटखटाया. जिसके जवाब में अब अदालत ने यह तय किया है कि बंदर के अधिकारों का उल्लंघन न किया जाए.
अदालत ने एस्ट्रेलिटा के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि सरकार ने उसके अधिकारों का उल्लंघन किया है. इसी के साथ इक्वाडोर जंगली जानवरों को कानूनी अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.
भारत में ऐसा कब होगा? लोग यह जानना चाहते हैं.