पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB Scam) के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी, उसकी पत्नी प्रीति और अन्य के खिलाफ नया आरोपपत्र दाखिल किया है. प्रीति के खिलाफ ईडी की यह पहली अभियोजन शिकायत है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक
ईडी ने उस पर अपराध में अपने पति की मदद करने का आरोप लगाया गया है. प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने मुंबई की विशेष अदालत में यह आरोपपत्र मार्च में प्रस्तुत किया था, लेकिन अदालत ने सोमवार को इसका संज्ञान लिया.
ईडी ने अपने इस आरोपपत्र में मेहुल चौकसी की पत्नी प्रीति चोकसी को 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पीएनबी बैंक घोटाले का लाभार्थी बताया है और दावा किया है कि वह भी 2017 से फरार है और अपने पति के साथ दूसरे देश में छिपी हुई है. चोकसी दंपती के अलावा जांच एजेंसी ने उनकी 3 कंपनियों- गीतांजलि जेम्स लिमिटेड, गिलि इंडिया लिमिटेड, नक्षत्र ब्रैंड लिमिटेड और मुंबई में पीएनबी की ब्रांडी हाउस शाखा के सेवानिवृत्त उप-प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी को नामित किया है. बता दें कि नीरव मोदी इस केस का मुख्य आरोपी है.
मेहुल चोकसी के खिलाफ यह तीसरा आरोपपत्र है
पीएनबी बैंक घोटाला केस में मेहुल चोकसी के खिलाफ यह तीसरा आरोपपत्र है. पहला आरोपपत्र 2018 और दूसरा 2020 में दाखिल किया गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईडी लंबे समय से इस घोटाले में प्रीति चोकसी की भूमिका की जांच कर रहा है. नई चार्जशीट के अनुसार, प्रीति चोकसी जिसे प्रीति प्रद्योतकुमार कोठारी के नाम से भी जाना जाता है, संयुक्त अरब अमीरात में हिलिंगडन होल्डिंग्स लिमिटेड और चेरिंग क्रास होल्डिंग्स लिमिटेड सहित 3 कंपनियों की अंतिम लाभकारी मालकिन थी.
प्रीति अपने पति की अवैध गतिविधियों से अवगत थी
वह दुबई, हांगकांग और अन्य देशों में कुछ संदिग्ध शेल कंपनियों को चलाने में शामिल थी और अपने पति की अवैध गतिविधियों से अवगत थी. प्रीति चोकसी पूरी तरह से जानती थी कि हिलिंगडन होल्डिंग्स लिमिटेड, गोल्डहाक डीएमसीसी और एशियन डायमंड ज्वैलरी यूएई कंपनियों का लाभकारी स्वामित्व और नियंत्रण मेहुल चोकसी के पास है. उसने यूएई में संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए फर्मों को शामिल करने में अपने पति की मदद की. इस केस में पूछताछ के लिए ईडी ने प्रीति चोकसी को भी समन जारी किया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुई.