ED Powers : सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत संपत्तियों को जब्त करने के ईडी के अधिकारों को बरकरार रखने का फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने PMLA की धारा 63 की वैधता को भी बरकरार रखा है। इसमें झूठी सूचना देने या सूचना देने में विफलता के संबंध में सजा देने का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के अधिकारों को रखा बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत संपत्तियों को जब्त करने के ईडी के अधिकारों को बरकरार रखने का फैसला दिया है। इसका मतलब है कि ईडी द्वारा जब्त किया गया एक लाख करोड़ रुपया एजेंसी की कस्टडी में ही रहेगा। ईडी द्वारा जब्त एसेट्स की कीमत 31 मार्च 2022 को एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गई थी। पीएमएलए के तहत न्यायिक प्राधिकरण ने ईडी की 60,000 करोड़ रुपये की कुर्की को बरकरार रखा है। जिसका कब्जा एजेंसी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जबकि अन्य मामलों में कार्यवाही लंबित है।
अधिकांश पैसा बैंक फ्रॉड और पोंजी स्कीम मामलों से
ईडी के अनुसार, जब्त की गई राशि में से करीब 57,000 करोड़ रुपये बैंक फ्रॉड और पोंजी स्कीम मामलों से है। ईडी ने हाल ही में जब्त की गई कुछ संपत्तियों की बिक्री भी शुरू की थी। ईडी द्वारा की गई इस नीलामी में 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। यह पैसा उन बैकों को रिफंड कर दिया गया, जो इन फ्रॉड्स के मामलों में पीड़ित थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुर्क की गई संपत्तियों के निपटान को बढ़ावा मिलेगा।
अब तक दर्ज हो चुके कुल 5,422 मामले
साल 2005 से पीएमएलए के अस्तित्व में आने के बाद से ईडी ने पीएमएलए के तहत 5,422 मामले दर्ज किए हैं। ईडी ने राजनेताओं और उद्योगपतियों के खिलाफ भी बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज किए। इसके बाद याचिकाओं के जरिए ईडी की शक्तियों को चुनौती दी गई। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
इन धाराओं की वैधता को रखा बरकरार
एक महत्वपूर्ण निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने PMLA की धारा 63 की वैधता को भी बरकरार रखा है। इसमें झूठी सूचना देने या सूचना देने में विफलता के संबंध में सजा देने का प्रावधान है। कोर्ट ने धारा 19 (गिरफ्तारी की शक्ति) की संवैधानिक वैधता की चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि इस नियम के तहत कड़े सुरक्षा उपाय प्रदान किए गए हैं।