खाने के तेल की कीमतें घटाने के लिए सरकार ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है. केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाम तेल के बेस इम्पोर्ट प्राइज में कटौती की गई है, जबकि सोयाबीन तेल और सोने-चांदी का बेस इम्पोर्ट प्राइज बढ़ा दिया गया है.
सरकार ने मंगलवार देर रात जारी स्टेटमेंट में कहा, क्रूड और रिफाइंड पाम तेल के आधार आयात मूल्य (Base Import Price) घटा दिया है, जबकि क्रूड सोया ऑयल के आयात मूल्य में बढ़ोतरी की गई है. इस कदम से सोयाबीन का तेल आने वाले समय में महंगा हो सकता है, जबकि पाम तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट की संभावना है.
सरकार हर पखवाड़े में खाद्य तेलों और सोने-चांदी के आधार आयात मूल्य में बदलाव करती है. इसी कीमत के आधार पर सरकार टैक्स का निर्धारण भी करती है. किसी उत्पाद का आधार आयात मूल्य ही उस पर लगने वाले टैक्स की मात्रा तय करता है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड आधार मूल्य पर ही कारोबारियों के लिए टैक्स की देनदारी तय करता है.
पहले खत्म किया था शुल्क
पिछले सप्ताह भी सरकार ने खाने के तेल की कीमतें घटाने के लिए बड़ा ऐलान किया था. तब सरकार ने सालाना 20 लाख टन सोया तेल के आयात पर शुल्क खत्म कर दिया था. भारत अपनी जरूरत का करीब 60 फीसदी खाने का तेल हर साल आयात करता है, जो दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है.
कितना सस्ता हुआ है तेल
कच्चा पाम तेल जो पहले 1,703 डॉलर प्रति टन के हिसाब से आयात किया जाता था, अब 1,625 डॉलर प्रति टन के मूल्य पर मिलेगा. इसी तरह, RBD पाम तेल के आधार आयात मूल्य को भी 1,765 डॉलर प्रति टन से घटाकर 1,733 डॉलर कर दिया गया है. RBD पामोलिन की बेस इम्पोर्ट प्राइज भी घटाकर 1,744 डॉलर कर दी गई है, जो अभी तक 1,771 डॉलर प्रति टन के हिसाब से आयात किया जाता था.
इन कमोडिटी पर बढ़ाया रेट
सरकार ने जहां पाम ऑयल के आयात रेट में कटौती की है, वहीं कच्चे सोया तेल का आयात महंगा कर दिया है. अब कच्चे सोया तेल के प्रति टन आयात पर कारोबारियों को 1,866 डॉलर का भुगतान करना होगा, जो पहले 1,827 डॉलर किया जाता था. इसके अलावा सोने और चांदी के बेस इम्पोर्ट प्राइज में भी बढ़ोतरी हुई है. सोने का बेस इम्पोर्ट प्राइज अब 597 डॉलर प्रति 10 ग्राम रहेगा, जो पहले 592 डॉलर था. इसी तरह, चांदी का बेस इम्पोर्ट प्राइज अब 721 डॉलर प्रति किलोग्राम हो गया है, जो पहले 687 डॉलर प्रति किलोग्राम था.