शिक्षा: स्कूलों में सौ फीसदी पहुंची छात्रों की हाजिरी, चलाई जा रहीं विशेष कक्षाएं

स्कूल खुलने पर कक्षाओं में सबसे अधिक नर्सरी, केजी और पहली कक्षाओं के बच्चे नजर आ रहे हैं। सहपाठियों के साथ कक्षा में एकसाथ बैठकर पढ़ाई करने और लंच करने का इनके लिए नया अनुभव है।

कोरोना के कारण दो साल बंद रहे स्कूलों के खुलने से अब राजधानी शिमला में रौनक छाने लगी है। ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने से बच्चे और अभिभावक खुश हैं। शहर के स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति भी सौ फीसदी तक पहुंच गई है। राजधानी के दयानंद पब्लिक स्कूल में गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश दिया जा रहा है। गेट पर ही सैनिटाइजर लगाना अनिवार्य किया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों के स्कूल में प्रवेश करते और छुट्टी के दौरान भीड़ न लगे इसके लिए पुख्ता बंदोबस्त किए हैं।  

दयानंद पब्लिक स्कूल ने समयसारिणी भी बदली है। बोर्ड की दसवीं कक्षा की दोपहर एक बजे के बाद अलग से विशेष कक्षाएं चलाई जा रही हैं ताकि बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर सकें। छात्र इनमें आकर हर विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल खुलने पर कक्षाओं में सबसे अधिक नर्सरी, केजी और पहली कक्षाओं के बच्चे नजर आ रहे हैं। सहपाठियों के साथ कक्षा में एकसाथ बैठकर पढ़ाई करने और लंच करने का इनके लिए नया अनुभव है।

तीन अलग-अलग गेटों से दे रहे प्रवेश : अनुपम
दयानंद स्कूल की प्रधानाचार्य अनुपम ने बताया कि स्कूल में बारी-बारी से तीन गेटों से तय समय पर प्रवेश दिया जाता है ताकि भीड़ न लगे। बोर्ड की परीक्षा देने वाले दसवीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की अलग से भी कक्षाएं चलाई जा रही हैं। नर्सरी से पहली तक की तीन कक्षाओं पर शिक्षक अधिक मेहनत कर रहे हैं। बच्चों को लिखना, शांत बैठना, अनुशासन में रहना सीखा रहे हैं। हर कक्षा में छात्रों की उपस्थिति 98 फीसदी से अधिक हो गई है। ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं।

होम वर्क करने लगी है बच्ची: अंवागी
दयानंद स्कूल में बच्चों को लेकर आई अंवागी ने बताया कि उनकी बच्ची निवृत्ति नर्सरी में पढ़ती है। पहली बार क्लास लगाने आई है। अब घर जाकर वह होम वर्क करने लगी है। स्कूल में तीन दिन से आ रही है। निवृत्ति ने बताया कि उसे मोनिका मेम पढ़ाती है। 

अब सुबह उठ जाता है बेटा : मोक्टा 
जगमोहन मोक्टा ने बताया कि उनका बेटा राजवीर नर्सरी में पढ़ता है। कहा कि जब से बच्चा स्कूल जाने लगा है वह काफी कुछ सीख रहा है। सुबह उठने की आदत भी पड़ने लगी है और स्वयं स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाता है। अब घर पर स्कूल के अपने दोस्तों की बातें भी करता है। 

छात्र बोले, नियमित कक्षाएं लगाने से दूर होती हैं शंकाएं
दसवीं कक्षा की छात्रा अनुष्ठा ने बताया कि स्कूल में नियमित कक्षाएं लगने से पढ़ाई को लेकर हर तरह की शंका को शिक्षक दूर करते हैं। अपूर्वा ने कहा कि स्कूल में जो पढ़ाया जाता है, उसको सहपाठियों के साथ चरचा कर समझने में आसानी होती है। पहले की तरह पढ़ाई का माहौल बनने लगा है। वंश ने कहा कि लगातार कक्षाएं लग रही हैं। दोस्तों के साथ बैठकर पढ़ने का मजा ही अलग है। शौर्य ने कहा कि कक्षा में एकसाथ बैठकर लंच करते हैं। अभी खाना शेयर करने पर रोक है। कक्षा में और परिसर में मास्क लगाने की आदत पड़ गई है। जरूरत हो तो हाथ में सैनिटाइजर लगा लेते हैं।   

पोर्टमोर में 95 फीसदी हाजिरी 
कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पोर्टमोर के प्रधानाचार्य नरेंद्र सूद ने बताया कि स्कूल में पहले की तरह नियमित कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। 1785 छात्राओं वाले इस स्कूल में नवीं से बारहवीं की परीक्षाओं में सौ फीसदी उपस्थिति दर्ज की जा रही है। छठी से आठवीं और नौवीं की कक्षाओं में 95 फीसदी उपस्थिति है।

छोटा शिमला स्कूल में 96 फीसदी हाजिरी 
वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला (कसुम्पटी) की प्रधानाचार्य मीरा शर्मा ने बताया कि स्कूल में 96 फीसदी हाजिरी पहुंच गई है। दो साल बाद खुले स्कूल में इस बार छात्र छात्राओं की संख्या 900 पार कर चुकी है। पिछले साल यह संख्या 849 थी।