ईद-उल-फितर का त्यौहार सोलन की जामा मस्जिद में धूम धाम से मनाया गया। इस मौके पर उपस्थित नागरिकों ने नमाज़ अदा की और अपने मंगल भविष्य की कामना भी की। ईद-उल-फितर को मीठी ईद के रूप में भी जाना जाता है। हिजरी कैलेंडर के अनुसार दसवें महीने यानी शव्वाल के पहले दिन ये त्योहार दुनिया भर में मनाया जाता है। इस्लामी कैलेंडर में ये महीना चांद देखने के साथ शुरू होता है। जब तक चांद नहीं दिखे तब तक रमजान का महीना खत्म नहीं माना जाता। इस तरह रमजान के आखिरी दिन चांद दिख जाने पर अगले दिन ईद मनाई जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन हजरत मुहम्मद मक्का शहर से मदीना के लिए निकले थे ।
जामा मस्जिद सोलन के मौलवी मोहम्मद यूसुफ इमाम ने बताया की जामा मस्जिद सोलन में आज 2500 मुसलमानों ने रमजान की ईद अदा की ।साथ ही उन्होंने बताया की रमजान के महीने का भी आज अंत हुआ ईद खुशहाली और भाईचारे का संदेश देती है। साथ ही उन्होंने बताया की ईद के अवसर पर सभी धर्म और देश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी गई।