Saudi Arabia The Line City : यह शहर सऊदी अरब की महत्वाकांक्षी ‘नियोम’ परियोजना का हिस्सा है। नियोम में ‘एम’ का अर्थ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ-साथ अरबी शब्द मुस्तकबिल (भविष्य) का पहला अक्षर भी है। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना भविष्य के शहर बसाने की है।
रियाद : सऊदी अरब के रेगिस्तान में विशालकाय शहर का निर्माण शुरू हो गया है जिसे ‘भविष्य का शहर’ कहा जा रहा है। नई ड्रोन फुटेज से इसका पता चला है। ‘द लाइन’ नामक यह शहर लंबे समय से सिर्फ कागजी योजनाओं का हिस्सा रहा है लेकिन जमीन पर इसका काम शुरू नहीं हो सका। यह शहर एक सीधी रेखा में बनाया जाएगा जो दूसरे शहरों से जुड़ा होगा। फोटोग्राफी कंपनी Ot Sky ने इसके निर्माण की फुटेज रेकॉर्ड की है और एक आर्किटेक्चर मैग्जीन Dezeen ने इसे जारी की है। अधिकारियों के मुताबिक इस शहर के निर्माण में कम से कम जमीन का उपयोग करने से प्राकृतिक दुनिया को भी फायदा होगा।
डेलीस्टार की खबर के अनुसार, ‘द लाइन’ शहर के कार्यकारी निदेशक तारेक कद्दूमी ने पहले कहा था, ‘यह दिखाएगा कि दुनिया में मानव क्षमता, तकनीक और वर्तमान जीवन शैली को बदलने की प्रतिबद्धता मौजूद है।’ ड्रोन फुटेज में बड़ी-बड़ी मशीनें विशालकाय रेगिस्तान में काम करते नजर आ रही हैं। देखकर ऐसा लगता है कि वे एक विशालकाय सीधी रेखा में खुदाई कर रही हैं। सऊदी अरब को इस तरह के बड़े निर्माण कार्य के लिए जाना जाता है।
MBS ने प्रोजेक्ट के लिए दिए 500 अरब डॉलर
सऊदी अरब के लिए ‘द लाइन’ जैसा प्रोजेक्ट कोई नई बात नहीं है। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक विशालकाय पार्क, किंग सलमान पार्क, का निर्माण किया जा रहा है जिसका आकार पूरा होने पर लंदन के Hyde Park से सात गुना बड़ा होगा। माना जाता है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने न सिर्फ इस प्रोजेक्ट के लिए बल्कि भविष्य के स्मार्ट शहरों के विशाल नेटवर्क ‘NEOM’ प्रोजेक्ट के लिए 500 अरब डॉलर का बजट तय किया है।
क्यों कहा जा रहा ‘आठवां अजूबा’?
प्रोजेक्ट को पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से संचालित करने की योजना है। लेकिन कई विश्लेषकों ने इसकी कामयाबी पर संदेह जताया है। योजना के अनुसार ‘द लाइन’ की लंबाई करीब 170 किमी होगी। कुछ खबरों में इसे दुनिया का आठवां अजूबा भी कहा जा रहा है। यह शहर सिर्फ 200 मीटर चौड़ा होगा और इसमें इमारतों की ऊंचाई 500 मीटर होगी जो कांच से निर्मित होंगी। इस शहर में रहने वाले लोगों को एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में सिर्फ 20 मिनट का ही समय लगेगा। अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग 40 लाख करोड़ डॉलर का खर्च आएगा।