शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे को नक्सलियों से खतरा है। महाविकास आघाडी सरकार में सीएम को गढचिरोली का पालक मंत्री बनाया गया था। उसके बाद से उन्हें खतरा पैदा हो गया है, फिर भी मुख्यमंत्री जनता के बीच जाते ही हैं।
शनिवार को केसरकर ने कहा कि मुझे विश्वास है कि सोमवार या फिर मंगलवार तक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आ जाएगा, जिसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने मंत्रिमंडल के विस्तार करने को लेकर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं लगाई है, फिर भी सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए, जिससे कोई गलत संदेश जाए। केसरकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भूमिका है कि सर्वोच्च न्यायालय का उचित सम्मान रखा जाना चाहिए।
शीर्ष नेताओं के कहने पर दिया था बयान
केसरकर ने कहा कि मैंने शीर्ष नेताओं के कहने पर ही 7 अगस्त तक मंत्रिमंडल विस्तार होने संबंधी बयान दिया था। उसके बाद हमारे शीर्ष नेता दिल्ली भी गए थे। बीजेपी और शिंदे गुट की सरकार को 20 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। मंत्रिमंडल में कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समावेश होगा, ऐसे में फैसला लेने में थोड़ा समय लगता है। यदि शिंदे गुट के विधायकों को विधायकी बचानी होती, तो हमलोग दूसरे किसी दल में विलीन हो जाते। लेकिन हमारी लड़ाई पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र बचाने की है, इसलिए हमने शिवसेना को नहीं छोड़ा है।
सीएम की बीमारी का मजाक न उड़ाएं
केसरकर ने कहा कि मुख्यमंत्री को आराम करने का वक्त नहीं मिल पा रहा है। वे लगातार दौरे कर रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं हल कर रहे हैं। ऐसे में, उनकी तबीयत कुछ खराब हुई, तो कृपया उनका मजाक नहीं उड़ाएं। एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी कामकाज के चक्कर में मुख्यमंत्री एक मिनट भी सो नहीं पा रहे हैं। मैंने ऐसे मंत्री भी देखे हैं, जो अपने पास आने वाले पत्र को बिना पढ़े हस्ताक्षर कर अपने निजी सचिव को दे देते थे।