बाल ठाकरे के पोते निहार ठाकरे भी अब राजनीति में कदम रख सकते हैं। उन्होंने खुद इस बात को लेकर अहम संकेत दिया है। निहार ठाकरे ने कहा कि फिलहाल उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है लेकिन भविष्य में कुछ भी संभव हो सकता है। निहार ठाकरे ने यह भी कहा कि शिवसेना का धनुष बाण चुनाव चिन्ह बहुमत के आधार पर एकनाथ शिंदे गुट को मिलना चाहिए।
मुंबई: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बीच सियासी जंग शुरू है। दोनों ही गुट अपने आपको असली शिवसेना (Shivsena) कह रहे हैं। हालांकि, यह मामला अदालत और चुनाव आयोग (Election Commission) के समक्ष विचाराधीन है। महाराष्ट्र में बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के बाद उद्धव ठाकरे और उनका परिवार सियासत में एक्टिव है लेकिन अब इस सियासत में बाल ठाकरे के पोते निहार ठाकरे (Nihar Thackeray) का भी नाम जुड़ सकता है। इस बाबत निहार ठाकरे खुद स्पष्टीकरण भी दिया है। निहार ठाकरे ने कहा है कि फिलहाल उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन भविष्य में कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर राजनीति में आया तो बालासाहेब ठाकरे के विचारों और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का काम करूंगा। निहार ठाकरे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के पोते हैं और पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटील के दामाद हैं। निहार ठाकरे दिवंगत बाल ठाकरे के बेटे बिंदु माधव के बेटे हैं। बिंदु माधव की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।
निहार ठाकरे ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष बाण को लेकर भी अहम बात कही है। निहार ठाकरे ने कहा कि मौजूदा सियासी हालात में ठाकरे गुट की तरफ से चुनाव आयोग को ढाई लाख हलफनामे दिए गए थे। जिसे आयोग ने रद्द कर दिया है। जिसका कारण यह पता चला है कि यह सभी हलफनामे चुनाव आयोग के फॉर्मेट में नहीं थे। निहार ठाकरे ने कहा कि इस बात का नुकसान उद्धव ठाकरे को भविष्य में हो सकता है। निहार ठाकरे ने कहा कि जिस गुट के पास बहुमत है, जिस गुट के पास विधायकों और सांसदों की ज्यादा संख्या है, उसी गुट को चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह देगा। अगर इस नियम को चुनाव आयोग ने माना तो यह चुनाव चिन्ह बाला साहेब की शिवसेना( एकनाथ शिंदे गुट) को मिलेगा।
सीएम की दशहरा रैली में आये थे नजर
निहार ठाकरे के राजनीति में आने के कयास तब से लगने शुरू हो चुके थे। जब से उन्होंने दशहरा रैली में एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया था। उस दौरान मंच पर उद्धव ठाकरे के भाई जयदेव ठाकरे और स्मिता ठाकरे भी मौजूद थे। खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाल ठाकरे के इस परिवार का मंच पर स्वागत-सत्कार किया था। जयदेव ठाकरे ने उस दौरान एकनाथ शिंदे की शान में कसीदे भी पढ़े थे। अब निहार ठाकरे भी खुद इस बात से इंकार नहीं कर रहे हैं कि वह आगामी दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में शामिल हो सकते हैं।
जयदेव ठाकरे ने की शिंदे की तारीफ
बीते दिनों बीकेसी ग्राउंड पर दशहरा रैली के मौके पर एकनाथ शिंदे के साथ दिवंगत बालासाहेब ठाकरे का तकरीबन आधा कुनबा मौजूद था। बालासाहेब के बेटे और उद्धव ठाकरे के भाई जयदेव ठाकरे भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने मंच से ही यह बात कही थी कि महाराष्ट्र में अब शिंदे ‘राज’ आना चाहिए। मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे पसंद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में दोबारा चुनाव करवाकर महाराष्ट्र में शिंदे ‘राज’ को स्थापित करना चाहिए।