महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों और सांसदों की सुरक्षा को अचानक एक्स श्रेणी से बढ़ाकर वाई श्रेणी की कर दिया गया है। अचानक बढ़ी इस सुरक्षा के बाद महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ चुका है। महाराष्ट्र सियासी हलकों में लोग दबी जुबान में यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर इतनी सुरक्षा बढ़ाने के पीछे की असल वजह क्या है?
मुंबई: अमरावती (Amravati) के विधायक रवि राणा के आरोप पर बच्चू कडू द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिया गया अल्टीमेटम, आगामी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एकनाथ शिंदे के विधायकों में नाराजगी और शिवसैनिकों का गुस्सा, इन सब के मद्देनजर महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी हलचल काफी तेज हो चुकी है। पर्दे के पीछे की हलचल को अगर समझेंगे तो पता चलता है कि एक-दूसरे के प्रति गुस्सा नाराजगी और खींचतान की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है। इस घटनाक्रम के बीच एक अन्य खबर भी महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसके मुताबिक एकनाथ शिंदे गुट के विधायक वापस गुवाहाटी (Guwahati) का रुख कर सकते हैं। छठ पूजा के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह कहा है कि वह आने वाले दिनों में अपने विधायकों के साथ गुवाहाटी में कामाख्या देवी के दर्शन के लिए जाएंगे। हालांकि, गुवाहाटी जाने के पीछे की असल वजह को एकनाथ शिंदे ने भी नहीं बताया है फिर भी राज्य के सियासी भूकंप को देखकर किसी के लिए भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि मुख्यमंत्री इन दिनों कैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं।
दरअसल एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस बात की भी शिकायत की है कि उन्हें अपने इलाके में काम करने के लिए पर्याप्त फंड नहीं दिया जा रहा है। वहीं कुछ दिनों पहले सैकड़ों करोड़ के काम को मंजूरी देने पर देवेंद्र फडणवीस के करीबी मंत्री गिरीश महाजन ने रोक लगा दी थी। ऐसे में विधायकों की नाराजगी काफी बढ़ चुकी है। उनका कहना है कि पहले ही उन पर बगावत का आरोप लगा है। इसके अलावा उन्हें अपने इलाके में काम करने के लिए पैसे भी नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में वह अपने क्षेत्र की जनता को कैसे मुंह दिखाएंगे। यह मामला अब और भी आगे बढ़ चुका है क्योंकि विधायक रवि राणा (Ravi Rana) ने खुलेआम यह आरोप बच्चू कडू पर लगाया है कि उन्होंने और उनके विधायकों ने पैसे लेकर बीजेपी (BJP) का समर्थन किया है। ऐसे में शिंदे गुट और उनके समर्थक विधायकों की छवि को और भी ज्यादा नुकसान हुआ है।
शिंदे गट के विधायकों और सांसदों की सुरक्षा बढ़ी
इन्हीं सबके बीच गृह मंत्रालय ने एकनाथ शिंदे गुट के तमाम विधायकों और सांसदों की सुरक्षा में बढ़ोतरी की है। इन सांसदों और विधायकों को दी गई एक्स श्रेणी की सुरक्षा को अब वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा में तब्दील कर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की भी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। केंद्र और राज्य की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाई जाती है। एकनाथ शिंदे गुट के लोकसभा में नेता और सांसद राहुल शेवाले समेत 11 अन्य सांसदों और 41 विधायकों की सुरक्षा में पुलिस और पुलिस वैन को तैनात किया गया है।
एमवीए नेताओं की सुरक्षा में कटौती
कुछ दिनों पहले एकनाथ शिंदे सरकार ने महाविकास अघाड़ी के तीनों घटक दलों के आला नेताओं की सुरक्षा में कटौती की थी। जिसमें उद्धव ठाकरे समेत एनसीपी और कांग्रेस के नेता शामिल हैं। जबकि शिंदे गुट की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया।
रवि राणा के बयान ने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें
अमरावती के विधायक रवि राणा के बयान के बाद बच्चू कडू ने जिस तरह से एकनाथ शिंदे सरकार अल्टीमेटम दिया था। उसके बाद से ही राज्य के सियासी पारे में बड़ा बदलाव देखने को मिला था। अचानक वर्षा बंगले पर हलचल तेज हो गई थी और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस में रवि राणा को मुंबई बुलाया था। बच्चू कडू ने कहा था कि अगर रवि राणा के आरोपों पर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे स्पष्टीकरण नहीं देते हैं। तो कडू अपने सात-आठ समर्थक विधायकों के सरकार को अलविदा कह सकते हैं।