एकनाथ शिंदे ने शेयर किया उद्धव ठाकरे के नाम लिखा पत्र और कहा- ये विधायकों की भावना

विधायक

शिवसेना के बाग़ी विधायक एकनाथ शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखा एक खुला ख़त ट्विटर पर शेयर किया है.

एकनाथ शिंदे शिवसेना के कई विधायको के साथ गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में हैं. यह ख़त संजय शिरसाट ने लिखा है. एकनाथ ने इस ख़त को ट्विटर पर शेयर किया है और लिखा है कि ये विधायकों की भावना है.

ख़त में लिखा है- असल मायनों में कल मातोश्री के दरवाज़े खुले. ये दरवाज़े पिछले ढाई साल से बंद थे. हम शिवसेना के विधायक हैं लेकिन फिर भी ये दरवाज़े हमारे लिए भी बंद ते.हमें आपके आस-पास के लोगों को मनाना पड़ता था कि वे आपसे हमारी मुलाक़ात करवा दें. जो लोग विधानसभा या राज्यसभा गए, वे हमारी वजह से वहाँ पहुँचे. उन्होंने हमें पूरी तरह से दरकिनार करते हुए विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई.”

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पत्र में आगे लिखा गया है, “हमें आपसे वर्षा या मंत्रालय में कभी भी मिलने का मौक़ा नहीं मिला. लेकिन एकनाथ शिंदे वो शख़्स थे जिनके दरवाज़े हमारे लिए हमेशा खुले थे. उन्होंने हमें हमेशा सुना. हमने ही एकनाथ शिंदे से ये फ़ैसला, हमारे लिए लेने को कहा.”

“भले ही हिंदुत्व शिवसेना का एजेंडा है लेकिन जब आदित्य ठाकरे अयोध्या जा रहे थे तो उन्होंने हमे अपने साथ अयोध्या जाने से रोक दिया. हममे से कई लोगों को व्यक्तिगत तौर पर फ़ोन करके यात्रा पर ना जाने के लिए कहा गया. हम पहले से ही चेक-इन कर चुके थे और विमान में थे, तब आपने एकनाथ शिंदे को फ़ोन करके कहा कि वे विधायकों को अयोध्या जाने से रोक दें.”

चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि हम आपसे नहीं मिल सकते थे लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों की आप तक पहुँच थी. वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम करने, वित्तीय सहायता के लिए और दूसरे कामों के लिए पूरी तरह सक्षम थे. वहीं हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लोग हमसे सवाल किया करते थे कि कैसे हमारे मूल विरोधी (कांग्रेस और राकांपा) अपने क्षेत्र में विकास कर रहे हैं लेकिन हम नहीं… और हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं होता था.

आपका कल का भाषण बेहद भावनात्मक था. लेकिन उसमें हमारे सवालों के जवाब नहीं थे. इसलिए मैं आपको अपनी भावनाओं से अवगत कराने के लिए यह ख़त लिख रहा हूं.

उद्धव ठाकरे

बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता को संबोधित किया था.

अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा, “लोग कह रहे थे कि मुख्यमंत्री मिलते नहीं हैं. शिवसेना कौन चला रहा है. मेरा ऑपरेशन हुआ था, इस वजह से मैं लोगों से मिल नहीं पाया. वो समय काफ़ी मुश्किल था. मैं हॉस्पिटल से ऑनलाइन काम कर रहा था. शिवसेना और हिंदुत्व एक दूसरे से जुड़े हुए शब्द हैं. शिवसेना हिंदुत्व से दूर नहीं हो सकती, क्योंकि शिवसेना प्रमुख ने मंत्र दिया है कि हिंदुत्व हमारी सांस है.”

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए शिवसेना के विधायकों को उनके सामने आकर बोलना होगा.

उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे को सूरत जाकर बात करने की क्या ज़रूरत थी. कुछ विधायक यहाँ नहीं हैं. कुछ लोग फ़ोन कर रहे हैं कि वे लौटना चाहते हैं. मैंने हमेशा अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाया है. मैं सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मेरे बाद कोई शिवसैनिक मुख्यमंत्री बने तो मुझे ख़ुशी होगी. लापता विधायक यहाँ आएँ और मेरे त्यागपत्र के साथ राजभवन जाएँ.”