शिमला, 23 सितंबर : हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने शुक्रवार को शिमला में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठक की। इस अवसर पर राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग की टीम को सुझाव दिए। राजनीतिक दलों ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को मद्देनजर रखते हुए शीघ्र और पारदर्शिता के साथ चुनाव करवाने का आग्रह किया। सीपीआईएम ने गुजरात और हिमाचल के एक साथ चुनाव करवाने की मांग की।
पत्रकारों से बातचीत करते राकेश सिंघा वहीं, बैठक के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि आयोग की टीम के साथ बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई है। पार्टी कीओर से हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए चुनाव करवाने का आग्रह किया गया है। इस बार प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों मेंबर्फबारी समय से पहले शुरू हो गई है। ऐसे में सभी को मतदान के लिए एक समान मौका मिले, इसके लिए चुनाव को 20 नवंबर के आसपास समय पर कराया जाना चाहिए।
कांग्रेस लीगल सेल के सदस्य सुशांत कपरेट ने कहा कि आयोग की टीम से चुनाव समय पर करवाने के साथ जल्द से जल्द चुनाव आचार संहिता लगाने का आग्रह किया गया है। चुनाव आयोग के सामने भाजपा सरकार द्वारा की जा रही फिजूलखर्ची का मामला भी उठाया गया है। साथ ही कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाने का भी आग्रह किया है, ताकि अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर डटे प्रशासनिक अधिकारियों का भी तबादला किया जाए।
कांग्रेस ने कहा कि हिमाचल में सर्दियां शुरू हो गई हैं। अगर चुनाव देरी से करवाए जाते हैं तो इससे किन्नौर, लाहौल स्पीति, चंबा, शिमला और कुल्लू जिला में चुनाव करवाना संभव नहीं होगा। ऐसे में राज्य में जल्द चुनाव करवाना जरूरी है। पार्टी का यह भी कहना है कि प्रदेश में जल्द चुनाव करवाने से भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे सरकारी धन के दुरुपयोग को भी रोका जा सकेगा।
केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम 24 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है। राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद चुनाव आयोग मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी,एसपी पुलिस नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।