मैनपुरी लोकसभा सीट पर ‘मुलायम की यादों’ का चुनाव, 26 वर्षों से है सपा का कब्जा

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव

मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव का शंखनाद हो गया है। भाजपा जहां पार्टी की नीतियों और सरकार की योजनाओं की दम पर मैदान में उतरने को तैयार है। वहीं सपा इन सबसे इतर मैनपुरी में मुलायम सिंह की यादों का चुनाव लड़ेगी। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के निधन को ज्यादा वक्त नहीं हुआ है, ऐसे में उनकी यादें सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ ही आमजन के दिलों में जिंदा हैं। सपा जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश में रहेगी।

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 10 अक्तूबर को निधन हो गया था। वह मैनपुरी लोकसभा सीट से सांसद थे। इसी कारण अब इस सीट पर पांच दिसंबर को मतदान होगा। चार अक्तूबर 1992 को नेताजी ने समाजवादी पार्टी का गठन किया और वर्ष 1996 का पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। सपा के गठन के बाद से इस सीट पर अन्य किसी दल को जीत नहीं मिली। इसीलिए मैनपुरी को सपा का गढ़ कहा जाता है।

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव

हर दल ने सपा के गढ़ को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सफलता किसी के हाथ नहीं लगी। अब नेताजी नहीं हैं, उनके बिना ही, उनकी कर्मभूमि पर चुनाव होगा। विरोधी दल नेताजी के गढ़ में सेंध लगाने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं सपा भी नेताजी की विरासत वाली सीट पर जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतरेगी। समाजवार्दी पार्टी मतदाताओं की सहानुभूति नेताजी की यादों के सहारे इस चुनाव में हासिल करने की पूरी कोशिश करेगी।
मुलायम सिंह यादव के साथ धर्मेंद्र यादव (फाइल)

सपा के गठन के बाद से अब तक मैनपुरी लोकसभा सीट पर कुल नौ लोकसभा चुनाव हुए। प्रत्याशी कोई भी रहा हो, पर्दे के पीछे हमेशा नेताजी ही रहे। हर चुनाव में उनका जादू चला। उनके जादू के दम पर ही सपा कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं हारी। हर चुनाव में पार्टी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की।
मुलायम सिंह यादव (फाइल)

नेताजी मुलायम सिंह यादव अपने जीवन में सात बार सांसद चुने गए। मैनपुरी से उन्होंने पांच लोकसभा चुनाव लड़े और हर चुनाव को जीता। मैनपुरी के मतदाताओं ने अपने नेता को पांच बार संसद पहुंचाया। धरतीपुत्र की धरती पर सपा प्रत्याशियों ने हर बार बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
मुलायम सिंह यादव

अब तक चुने गए सांसद

1952 बादशाह गुप्ता – कांग्रेस
1957 वंशीदास धनगर –  प्रसोपा
1962 बादशाह गुप्ता – कांग्रेस
1967 महाराज सिंह – कांग्रेस
1971 महाराज सिंह – कांग्रेस
1977 रघुनाथ सिंह वर्मा – लोकदल
1980 रघुनाथ सिंह वर्मा – जनता पार्टी
1984 बलराम सिंह यादव – कांग्रेस
1989 उदयप्रताप सिंह यादव – जनता दल
1991 उदयप्रताप सिंह यादव – सजपा
1996 मुलायम सिंह यादव – सपा
1998 बलराम सिंह यादव – सपा
1999 बलराम सिंह यादव – सपा
2004 मुलायम सिंह यादव – सपा
2004 धर्मेंद्र यादव- उपचुनाव सपा
2009 मुलायम सिंह यादव – सपा
2014 मुलायम सिंह यादव – सपा
2014 तेजप्रताप यादव – उपचुनाव सपा
2019 मुलायम सिंह यादव – सपा