बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा लिए जा रहे फैसलों से खफा बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं प्रबंधन को आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन (Himachal Pradesh State Electricity Board Employees Union) ने बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में गेट मीटिंग कर प्रबंधन वर्ग द्वारा लिए जा रहे बोर्ड विरोधी फैसलों व मांगों को लेकर गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें प्रदेशाध्यक्ष के अतिरिक्त यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा व अन्य राज्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया।
इस मौके पर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप खरवाड़ा ने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन वर्ग द्वारा लिए जा रहे गलत फैसलों से बिजली बोर्ड की स्थिति चरमर्रा गई है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इन फैसलों से एक ओर जहां बोर्ड कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है। वहीं वित्तिय संकट तेजी से बढ़ रहा है जिसका खामियाजा निचले स्तर के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने के लिए फील्ड व कमर्शियल स्टाफ भरने व वित्तीय प्रबंधन में खर्चों को कम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रबंधन वर्ग द्वारा यूनियन की मानी गई मांगों को दिए गए समय में लागू नहीं किया जिससे कर्मचारियों भारी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि धरना प्रदर्शन से पहले हुई बैठक में फैसला लिया गया कि यदि निम्न मागों पर 10 जुलाई तक फैसला नहीं लिया गया तो यूनियन पूरे प्रदेश में 11 जुलाई को मुख्यालय, वृत मंडल स्तर पर धरना प्रदर्शन करेगी और 18 जुलाई से बोर्ड मुख्यालय में 50 कर्मचारी निरंतर धरने पर बैठेंगे जिसमें एक माह के लिए फील्ड से कर्मचारियों को जिम्मेबारी दे दी गयी है।
यह हैं बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मांगें
बिजली बोर्ड कर्मचारी बोर्ड प्रबंधन से जूनियर टी-मेट व जूनियर हेल्पर का पदनाम 1-1-2016 से बदलकर टीमेट व हेल्पर बनाया जाने की मांग की है। इसके अतिरिक्त बोर्ड में 48 श्रेणियों के नीचे लाए गए वेतनमान को बहाल कर पुराने वेतनमान देने की मांग।
यूनियन ने मांग की है कि कंप्यूटर ऑपरेटर के वेतनमान को नीचे लाने के कार्यालय आदेश को वापस लिया जाए, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी व जूनियर ऑफिस असिस्टेंट एकाउंट्स कंप्यूटर ऑपरेटर की पदोन्नति बारे भर्ती एवं पद्दोन्नति नियम बनाए जाए। इसके अतिरिक्त स्टोर कीपिंग श्रेणी में स्टॉक वैरिफ के पदोन्नति नियम में सर्विस क्राइटेरिया को सात वर्ष से पांच वर्ष किया जाए।