Yashwant Singh Parmar made Himachal, then Raja Virbhadra Singh developed it: Mahendra Nath Sofat

निजी कालेजों के प्रधानाचार्य की योग्यता की होगी जांच – मोहिंद्र नाथ सोफत (सोलन)

जब से निजी शिक्षण संस्थान रेगुलेट्री अथोर्टी के नये अध्यक्ष श्री अतुल कौशल ने कार्यभार संभाला है तब से नियामक आयोग की कार्यप्रणाली मे जबर्दस्त परिवर्तन आया है। आयोग ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। आयोग की सक्रियता के बाद इन निजी शिक्षण संस्थानों के मालिकों की बैचैनी को भी बढ़ा दिया है। हाल ही मे नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर की योग्यता की जांच करने के लिए रिकार्ड तलब किया। बहुत ही आश्चर्य चकित करने वाले आकड़े सामने आए है। नियामक आयोग के अध्यक्ष के अनुसार 17 विश्वविद्यालय के कुलपतियों मे से 10 निजी विश्वविद्यालय के कुलपति जांच मे कुलपति बने रहने के लिए अयोग्य पाए गये हैं। उनमे से दो कुलपति अपने पद से त्यागपत्र दे चुके है। चार कुलपतियों ने अपनी योग्यता को लेकर प्रेजेन्टेशन दी है। जिनका आयोग परिक्षण करेगा। चार ऐसे विश्वविद्यालय है जिन्होने अभी तक जबाब नहीं दिया है।

अब आयोग ने निर्णय लिया है कि निजी कालेजों के प्रधानाचार्य की योग्यता की भी जांच की जाएगी। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक मे छपे समाचार के अनुसार इन कालेजों के प्रधानाचार्य और इनमे चल रहे भाई-भतीजावाद के बारे मे आयोग को शिकायतें प्राप्त हो रही है। असल मे हिमाचल मे 2007 से लेकर 2012 के बीच शिक्षण संस्थानों की अंधाधुंध स्थापना की गई थी। न उस समय प्रदेश मे इन अनगिनत निजी संस्थानों की मांग थी और न ही जरूरत थी। अब अधिकांश निजि संस्थान शिक्षा की दुकाने मात्र बन कर रह गई है। इन पर नियंत्रण रखना अति आवश्यक है। या तो यह संस्थान क्वालिटी शिक्षा प्रदान करें अन्यथा इन्हें बंद करवा दिया जाए ताकि नौजवान बच्चों के भविष्य को बचाया जा सके। आयोग ने नकली डिग्री प्रकरण मे चर्चा मे आई मानव भारती विश्वविद्यालय मे भविष्य मे दाखिले पर रोक लगा कर भी सही निर्णय लिया है। नियामक आयोग को इसी प्रकार सतर्क और सक्रिय रहने की आवश्यकता है।

– मोहिंद्र नाथ सोफत (सोलन)Mohindra Nath Sofat (Solan)