दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) ने जब ट्विटर (Twitter) को खरीदने की घोषणा की थी तो कंपनी को कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था। इसकी वजह यह है कि मस्क की छवि सख्त बॉस की है। उनमें काम के प्रति गजब का जुनून है। जानिए क्यों एक दिन की भी छुट्टी नहीं करते हैं एलन मस्क…
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) ने हाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) को खरीदा था। इसके बाद से ही ट्विटर में उथलपुथल मची है। मस्क ने कर्मचारियों से दिनरात काम करने के लिए तैयार रहने को कहा था। खबर आई है कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर के हेडक्वार्टर में बिस्तर लगाए गए हैं। साथ ही वहां एक वॉशिंग मशीन भी लगाई गई है। माना जा रहा है कि कर्मचारियों के लिए ऑफिस में ही सोने और रुकने की व्यवस्था की गई है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस पर हैरानी जता रहे हैं। लेकिन मस्क की कार्यशैली को जानने वालों का कहना है कि उनके लिए यह नई बात नहीं है। उनमें काम को लेकर जुनून है और वह ट्विटर के कर्मचारियों से भी इसी तरह का जुनून चाहते हैं। मस्क को छुट्टियों से नफरत करते हैं। इसकी वजह यह है कि एक बार वह छुट्टियों के कारण मौत के करीब पहुंच गए थे।
अमेरिकी बिजनस कॉलमनिस्ट और लेखक एश्ली वेंस की किताब ‘Elon Musk: How the Billionaire CEO of SpaceX and Tesla is Shaping Our Future’ के मुताबिक दिसंबर 2000 में मस्क ने कई साल बाद पहली छुट्टी ली थी। वह परिवार के साथ दो हफ्ते की छुट्टी पर गए थे। पहले चरण में वह ब्राजील और दूसरे दौर में साउथ अफ्रीका गए थे। अफ्रीका में मस्क को मलेरिया हो गया था। यह उस तरह का मलेरिया था जिससे दुनियाभर में अधिकांश मौतें होती हैं। जनवरी में मस्क कैलिफोर्निया लौट आए। उनकी हालत गंभीर होती गई और बिस्तर से उठ नहीं पा रहे थे। उनकी पत्नी उन्हें डॉक्टर के पास ले गई।
क्यों नहीं लेते छुट्टी
डॉक्टर के ऑर्डर पर मस्क को एंबुलेंस से रेडवुड सिटी के सिकोया हॉस्पिटल (Sequoia Hospital) ले जाया गया। लेकिन डॉक्टर उनकी बीमारी पकड़ नहीं पाए और वह मौत के करीब पहुंच गए थे। तभी किसी और अस्पताल का डॉक्टर वहां आया। उसने मलेरिया के केस देखे थे। वह तुरंत समझ गया कि मस्क को मलेरिया है। बाद में डॉक्टर ने मस्क से कहा कि अगर एक दिन की भी देर हो जाती तो उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता। मस्क दस दिन तक आईसीयू में रहे। मस्क को इस बीमारी से पूरी तरह उबरने में छह महीने लग गए। उनका वजन 45 पौंड तक गिर गया था। मस्क कहते हैं, ‘मैं मौत के बेहद करीब पहुंच गया था। छुट्टी को लेकर यह मेरा सबक है… छुट्टियां आपको मार देंगी।’
दक्षिण अफ्रीका में जन्मे और पेशे से इंजीनियर मस्क को काम करने का जुनून है। कई बार वह बिना रुके कई दिनों तक काम करते थे। X.com में मस्क के साथ काम कर चुकीं Julie Ankenbrandt कहती हैं, ‘हम दिन में 20 घंटे काम करते थे और मस्क 23 घंटे काम करते थे। मस्क की कंपनी स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) और इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) के कर्मचारियों को भी मस्क के इस जुनून से दोचार होना पड़ा है। उन्हें काम में जरा भी कोताही पसंद नहीं है। ई-मेल में भाषा की मामूली सी गलती होने पर ही मस्क कर्मचारियों को बाहर करने के लिए बदनाम हैं।
हमेशा जल्दबाजी में रहते हैं
मस्क के साथ शुरुआती दिनों में काम कर चुके इंजीनियर केविन ब्रोगन (Kevin Brogan) कहते हैं, ‘मस्क हमेशा जल्दबाजी में रहते हैं। वह टॉयलेट में भी जल्दबाजी में रहते हैं। तीन सेकेंड में उनका काम हो जाता है।’ शायद यही उनकी सफलता का राज है। मस्क ने इतने कम समय में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे अविश्वसनीय हैं। टेस्ला आज दुनिया की सबसे मूल्यवान ऑटो कंपनी है जबकि स्पेसएक्स अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक रॉकेट छोड़ने वाली दुनिया की पहली निजी कंपनी है। मस्क का मिशन मंगल पर इंसानी बस्ती बसाना है और इस मिशन को पूरा करने के लिए वह मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।