दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। दोनों पक्षों के बीच अदालत के अंदर और बाहर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मस्क ने एक बार फिर कहा है कि वह ट्विटर को पुरानी शर्तों पर खरीदने के लिए तैयार हैं बशर्ते..
मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदने के लिए डील की थी लेकिन बाद में वह इससे पलट गए। मस्क ने फर्जी खातों की सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए समझौते को रद्द करने की घोषणा की थी। ट्विटर ने मस्क को अदालत में घसीटा है और फिलहाल मामले की सुनवाई अमेरिका की एक अदालत में चल रही है। ट्विटर ने उनके खिलाफ अमेरिका के डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा दायर किया है।
खुली बहस की चुनौती
इस बीच मस्क ने अग्रवाल को खुली बहस की चुनौती देते हुए ट्वीट किया, ‘वह साबित करें कि ट्विटर में पांच फीससी से कम फर्जी या स्पैम डेली यूजर्स हैं। अगर ट्विटर अपना 100 की सैंपलिंग का मेथड देता है और उनके रियल होने की पुष्टि करता है तो यह डील ऑरिजिनल टर्म्स के साथ आगे बढ़नी चाहिए। दूसरी ओर अगर यह साबित हो गया कि उसकी एसईसी फाइलिंग झूठ है तो फिर डील नहीं होनी चाहिए।’
भारत कनेक्शन
मस्क ने इस डील को तोड़ने के पीछे भारत का कनेक्शन भी बताया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ट्विटर भारत सरकार के खिलाफ जोखिम भरे मुकदमे का खुलासा करने में विफल रही। मस्क ने साथ ही यह दावा भी किया कि ट्विटर ने भारत सरकार के खिलाफ जाकर दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार को खतरे में डाल दिया था। मस्क ने एक काउंटरसूट में यह दावा भी किया कि जब उन्होंने ट्विटर को खरीदने की लिए डील पर साइन किए थे तो उन्हें कई चीजों के बारे में अंधेरे में रखा गया था। उन्हें भारत में चल रहे डेवलपमेंट के बारे में नहीं बताया गया था।