IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग, फिर छोड़ी लाखों की नौकरी, पढ़ें गोल्ड मेडलिस्ट के ‘संन्यासी’ बनने की कहानी

Viral News: आईआईटी दिल्ली से गोल्ड मेडलिस्ट संदीप कुमार भट्ट नौकरी छोड़ संन्यासी बन गए हैं. (Photo: Youtube Screengrab/Guatam Khattar)

Viral News: आईआईटी दिल्ली से गोल्ड मेडलिस्ट संदीप कुमार भट्ट नौकरी छोड़ संन्यासी बन गए हैं.

नई दिल्ली. आईआईटी (IIT) से पासआउट होकर अक्सर यंगस्टर्स अच्छा पैकेज और नौकरी का सपना देखते हैं लेकिन अगर एक गोल्ड मेडलिस्ट IITian संन्यासी बनने का फैसला करे तो यह सुनकर आपको हैरान होगी. दरअसल, सोशल मीडिया पर आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने वाले गोल्ड मेडिलस्ट इंजीनियर के लाखों की नौकरी छोड़कर संन्यासी बनने का एक वीडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि संदीप कुमार भट्ट (Sandeep kumar Bhatt) ने महज 28 साल की उम्र में संन्यासी बनने का फैसला किया है.

जानकारी के मुताबिक, संदीप बिहार के रहने वाले हैं. उन्होंने फिलहाल शादी नहीं की है. संन्यासी बनने के बाद संदीप कुमार भट्ट ने अपने नाम स्वामी सुंदर गोपालदास रख लिया है. उन्होंने साल 2002 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया था. वे गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं. 2004 में उन्होंने एमटेक किया था. फिर उन्होंने एक मल्टी नेशनल कंपनी में बतौर मैनेजर नौकरी भी की थी. 2007 में उन्होंने सन्यासी बनने का फैसला कर लिया था.

‘समाज में बढ़ानी है अच्छाई’

संदीप भट्ट ने एक मीडिया हाउस से हुई बातचीत में बताया है कि इंसान टेक्नोलॉजी में आग बढ़ते जा रहा है. मशीन एडवांस होते जा रही हैं, लेकिन इंसानों की क्वॉलिटी कम होती जा रही है. हर सालों कई क्राइम होते हैं. उनका मानना है कि एडुकेटेड लोगों को साधु-संत बनकर समाज में अच्छाई को बढ़ाना चाहिए. ऐसे लोगों को आगे आने की काफी जरूरत है. संदीप ने कहा कि इंजीनियरिंग के दौरान उनके आस-पास काफी डॉक्टर, आईएएस, जज, साइंटिस्ट और नेता थे, लेकिन ऐसा कोई इंसान नहीं था जो समाज को सही रास्ता दिखा सके.

हैरान रह गया था परिवार

संदीप का कहना है कि उन्होंने जब अपने संन्यासी बनने की बात अपने परिवार को बताई तो सभी हैरान रह गए. फिर परिवार वालों को समझाया और अब सभी उनके फैसले का सम्मान करते हैं. उनका कहना है कि श्रीमदभागवत गीता पढ़ने से उनके जीवन में काफी बदलाव आया है. अब वे समाज में अच्छाई को बढ़ाने के लिए लगातार काम करने की बात कहते हैं.