हाल ही में इंदौर में एक दिव्यांग से अभद्रता करने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर एडीएम पवन जैन को पद से हटा दिया था।
इंदौर में दिव्यांग से अभद्रता के मामले में हटाए गए आईएएस पवन जैन की मुश्किलें बढ़ सकती है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने राज्य सरकार से 7 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ चालान पेश करने के लिए अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। स्वीकृति मिलने के बाद उनके खिलाफ केस चलेगा। रियल एस्टेट से जुड़ा मामला इंदौर में दर्ज है।
इंदौर के सांवेर निवासी सैफुद्दीन ने ईओडब्ल्यू ने 2015 में शिकायत की थी। इसमें उन्होंने तत्कालीन एडीओ राजस्व पवन जैन के खिलाफ पद के दुरुपयोग की शिकायत की थी। इसमें उन्होंने जैन पर अन्य लोगों के साथ सांठगांठ कर कम पर्यवेक्षण शुल्क जमा कराया था। जैन ने कॉलोनी के आतंरिक विकास कार्य पूरे होने से पहले ही बंधक प्लाट मुक्त कर दिए थे। इससे सरकार को 1 करोड़ रुपए राजस्व हानि हुई। इस मामले की ईओडब्ल्यू की जांच पूरी हो गई है। अब सभी आरोपियों के खिलाफ अभियोजन के लिए स्वीकृति मांगी गई है।
आईएएस होने के कारण मामला केंद्र तक जाएगा। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद उनके खिलाफ केस चलेगा।
पवन जैन के आईएएस अवॉर्ड का मामला भी संदेह के घेरे में हैं। बता दें हाल ही में इंदौर में एक दिव्यांग से अभद्रता करने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर एडीएम पवन जैन को पद से हटा दिया था। सोनू पाठक नाम का दिव्यांग इंदौर कलेक्टर ऑफिस पहुंचा था। यहां जनसुनवाई में एडीएम पवन जैन ने दिव्यांग के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उसके साथ दुर्व्यवहार किया। साथ ही दिव्यांग को कमरे से बाहर कर दिया। यह मामला सीएम के सामने आने पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। इसके बाद उन्होंने पवन जैन को इंदौर एडिशनल कलेक्टर के पद से हटाकर मंत्रालय में अटैच कर दिया।