नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 73 लाख पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी है. अब पेंशनभोगी अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र दाखिल करने के लिए चेहरा पहचान सुविधा (फेस रिकॉग्निशन फेसिलिटी) की मदद ले सकते हैं. इसका सबसे अधिक फायदा वृद्ध उन पेंशनभोगियों को होगा जिनकी फिंगरप्रिंट व आंखों की पुतली से बायोमीट्रिक्स को मैच करना मुश्किल हो रहा है.
पेंशन प्राप्त करने के लिए पेंशनभोगियों को हर साल जीवन प्रमाण पत्र दाखिल करना होता है. यह इस बात का सबूत है कि आप जीवित हैं. यह और अधिक सुविधाजनक इसलिए भी है क्योंकि आप इसका लाभ कहीं से भी उठा सकते हैं.
कैलकुलेटर की भी सुविधा
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने पेंशनभोगियों के लिए चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक की शुरुआत की. इसके अलावा श्रम मंत्री ने पेंशन और कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना के लिए कैलकुलेटर भी लॉन्च किया. इस कैलकुलेटर के जरिए पेंशनभोगी व उनके परिवार के सदस्य को पेंशन के अलावा मृत्यु से जुड़े बीमा लाभ की गणना ऑनलाइन कर सकेंगे.
ईपीएफओ की प्रशिक्षण नीति
इसके साथ ही श्रम मंत्री ने ईपीएफओ की प्रशिक्षण नीति भी जारी की. इसका उद्देश्य ईपीएफओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सक्षम, उत्तरदायी और भविष्य के लिए तैयार करना है. प्रशिक्षण नीति के तहत सालाना 14,000 कर्मियों को 8 दिनों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और इसका कुल बजट, वेतन बजट का 3% होगा. साथ ही श्रम मंत्री ने ईपीएफओ को कुशल और जिम्मेदार बनाने के मकसद से कानूनी ढांचा दस्तावेज भी जारी किया ताकि समयबद्ध तरीके से मुकदमेबाजी और इसके निपटारे को सुनिश्चित किया जा सके.
इक्विटी में निवेश संबंधी प्रस्ताव वापस
पीएफ फंड पर ब्याज बढ़ने की उम्मीद कर रहे लोगों को ईपीएफओ ने झटका दिया है. दरअसल, पेंशन बॉडी ने इक्विटी में निवेश की सीमा को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 करने वाले प्रस्ताव को वापस ले लिया है. केंद्रीय न्यासी बोर्ड की में इसे विचार के लिए नहीं रखा गया. ईपीएफओ के ट्रस्टी हरभजन सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि शेयर बाजार की स्थिति को देखते हुए इस प्रस्ताव पर विस्तृत विचार-विमर्श चाहते हैं.