EPFO: शेयर बाजार में ज्‍यादा पैसा लगाएगा ईपीएफओ! सब्‍सक्राइबर्स पर क्‍या पड़ेगा इसका असर? समझें

ईपीएफओ के इस समय करीब 5 करोड़ सब्‍सक्राइबर हैं.

नई दिल्‍ली. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) अब शेयर बाजार में बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है. ईपीएफओ का इरादा शेयरों में लगाए जाने वाले पैसे में बढ़ोतरी करने का है. फिलहाल इक्विटी मार्केट (Equity Market) में ईपीएफओ के निवेश की सीमा 15 फीसदी है. इसे बढ़ाकर 20 फीसदी किया जा सकता है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 29 और 30 जून को होने वाली बैठक में इक्विटी में हिस्‍सेदारी बढ़ाने का प्रस्‍ताव रखा जा सकता है और इसे इस बैठक में मंजूरी भी मिल सकती है.

एनडीटीवी ने प्रेस ट्र्स्ट ऑफ इंडिया के हवाले से छापी एक रिपोर्ट में बताया है, इक्विटी में निवेश सीमा को बढ़ाने के प्रस्‍ताव ईपीएफओ की एडवाइजरी बॉडी और फाइनेंस ऑडिट एंड इनवेस्‍टमेंट कमेटी (FAIC) की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. अब एफएआईसी की अनुशंसाओं को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की बैठक में रखा जाएगा. ईपीएफओ के इस समय करीब 5 करोड़ सब्‍सक्राइबर हैं. वर्तमान में ईपीएफओ कुछ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में लगभग 1,800-2,000 करोड़ रुपये निवेश करता है.

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FAIC ने हिस्‍सेदारी बढ़ाने की सिफारिश की

सोमवार को लोकसभा में लिखित उत्‍तर में श्रम एवं रोजगार राज्‍यमंत्री रामेश्‍वर तेली ने बताया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ (CBT) उप समिति फाइनेंस ऑडिट एंड इनवेस्‍टमेंट कमेटी (FAIC) ने निवेश श्रेणी चार में इक्विटी इनवेस्‍टमेंट को 5-15 फीसदी से बढ़ाकर 5-20 फीसदी करने का प्रस्‍ताव दिया है. ईपीएफओ ने एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड्स में अगस्‍त 2021 से निवेश करना शुरू किया था और इसने अपनी कुल निवेश योग्‍य फंड में से केवल 5 फीसदी ही तब ईटीएफ में लगाया था. वहीं ईटीएफ में ईपीएफओ का निवेश वर्तमान वित्‍त वर्ष में बढ़कर 15 फीसदी हो चुका है.

कम ब्‍याज दर से सब्‍सक्राइबर निराश

ईपीएफ पर मौजूदा 8.1 फीसदी की ब्याज दर 1977-78 के बाद सबसे कम है. फिलहाल ईपीएफओ 4 दशक में सबसे कम ब्‍याज दे रहा है. वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी ब्याज दर को स्वीकृति दे दी थी. ईपीएफओ डेट् सिक्‍योरिटी (debt securities) से मिले कम रिटर्न की भरपाई स्‍टॉक्‍स में निवेश करके करना चाहता है. मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक खबर के अनुसार, उसे प्रतिदिन लगभग 600 करोड़ रुपये मिलते हैं. इनमें से 200 करोड़ रुपये दावों के निपटान में खर्च हो जाते हैं. EPFO अधिकारियों ने पिछले दिनों इक्विटी स्कीम्स में निवेश की संभावनाओं के आकलन के लिए म्यूचुअल फंड मैनेजर्स से मुलाकात भी की थी.

यदि शेयर बाजार में ज्यादा पैसा लगाया जाएगा तो संभावना यह भी होगी कि सब्‍सक्राइबर्स को ईपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरें बढ़ जाएं. हालांकि बाजार में निवेश पूरी तरह से जोखिमों के अधीन है. ब्याज दर बढ़ेगी या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.