Essay On Diwali: दिवाली में आसान शब्दों के साथ भी लिख सकते हैं बेहतर निबंध, यहां देखें उदाहरण

Diwali Essay: दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद राज्य लौटे थे और उन्हीं के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जला कर उत्सव मनाया था।

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बेहद आसान शब्दों की मदद से भी लिखा जा सकता है बेहतर निबंध।

Diwali Essay: रौशनी का त्यौहार दिवाली लगभग पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है। दीपावली के दिन ही भगवान श्रीराम अपने 14 वर्षों के वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटे थे उनके आने की खुशी में ही पूरा देश दीपों की रोशनी से जगमगाता रहता है। हालांकि दिवाली मनाने के पीछे कोई एक या दो कथाएं नहीं बल्कि कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आइए इस निबंध के माध्यम से दिवाली से जुड़े अन्य जानकारियों को प्राप्त कर लेते हैं और सीख लेते हैं कि दिवाली पर बेहतर निबंध कैसे लिखा जा सकता है।
प्रस्तावना
हर त्योहार हमारे जीवन में खुशियां लेकर आता है लेकिन रौशनी का त्योहार दिवाली खुशियों के साथ-साथ समृद्धि भी लेकर आता है। हर साल दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद राज्य लौटे थे और उन्हीं के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जला कर उत्सव मनाया था। उसके बाद से ही पूरे देश में दिवाली का उत्सव मनाया जाता है। इसके साथ ही इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वक्ष किया था।
पांच दिनों तक चलता है उत्सव
दिवाली का यह पर्व पांच दिनों तक यानी धनतेरस से भाई दूज तक चलता है। धनतेरस के दिन सोने- चांदी से लेकर अन्य चीजों की खरीदारी की जाती है। उसके बाद अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं फिर अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। घरों को दिए, मोमबत्ती और लाइटों से सजाया जाता है। रात के समय मां लक्ष्मी की पूजी होती है और उन्हें खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। दुकानों और बाजारों की खूबसूरती और रौनक देखते ही बनती है।
उपसंहार
दिवाली का पर्व खुशियों और हर्षोल्लास से मनाए जाने वाला त्यौहार है। बच्चे-बूढ़े सभी मिलकर इस खास त्योहार को मनाते हैं और अपने घरों में पूजा करते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो इस पर्व के दिन जुआ खेलते हैं लेकिन यह समाज के लिए एक बुराई है और इसे रोकना चाहिए। बच्चों को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके पटाखों की वजह से किसी जानवर को कोई नुकसान न पहुंचे।