Biggest Dinosaur of Europe : खुदाई में मिला कंकाल एक 39 फीट ऊंचे और 82 फीट लंबे सॉरोपोड डायनासोर का था। कंकाल में रीढ़ की हड्डी और पसलियां शामिल हैं जो दिखाती हैं कि यह एक ब्रैकियोसोरस था
लिस्बन : पुर्तगाल में एक शख्स को अपनी जमीन पर खुदाई के दौरान डायनासोर की कुछ हड्डियां मिलीं। लेकिन यह किसी सामान्य जीव की हड्डियां नहीं थीं। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह कंकाल एक ब्रैकियोसोरस है जो करीब 82 फीट लंबा था और 10 से 16 करोड़ साल पहले धरती पर जीवित था। यह यूरोप में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा सॉरोपोड्स हो सकता है। सॉरोपोड्स शाकाहारी डायनासोर थे जिन्हें उनके चार पैरों, लंबी गर्दन और पूंछ से पहचाना जाता था। यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन के एक शोधकर्ता एलिसाबेट मलाफिया ने कहा कि इस तरह किसी एक जानवर की सभी पसलियों का एक साथ मिलना, जो अभी तक अपनी मूल शारीरिक स्थिति में हों, सामान्य बात नहीं है।
मलाफिया ने कहा कि डायनासोर, खासकर सॉरोपोड्स के मामले में, संरक्षण का यह तरीका अपेक्षाकृत असामान्य है। 2017 में पुर्तगाल के पोम्बल में एक मकान मालिक को अपने घर के आंगन में निर्माण कार्य के दौरान कुछ हड्डियों के टुकड़े मिले थे। प्रॉपर्टी के मालिक ने रिसर्च टीम से संपर्क किया जिन्होंने साइट पर खुदाई शुरू की। लेकिन लंबे अध्ययन के बाद इस महीने पुर्तगाल और स्पेन के जीवाश्म विज्ञानियों ने बताया कि उन्हें क्या मिला है।
82 फीट लंबा था सॉरोपोड डायनासोर
खुदाई में मिला कंकाल एक 39 फीट ऊंचे और 82 फीट लंबे सॉरोपोड डायनासोर का था। कंकाल में रीढ़ की हड्डी और पसलियां शामिल हैं जो दिखाती हैं कि यह एक ब्रैकियोसोरस था। ब्रैकियोसोरस का समूह अपर जुरासिक से लोअर क्रेटेशियस काल तक रहा था। इससे पहले दक्षिण-पश्चिम चीन के एक रेस्तरां के भीतर डायनासोर के इतिहास से जुड़ी एक अहम चीज मिली थी। रेस्तरां के बाहरी परिसर में प्राचीन जीव के पैरों के निशान मिले थे जो करीब 10 करोड़ साल पुराने थे।
धूल की परत से ढके पैरों के निशान बरकरार
चीन के सिचुआन प्रांत के लेशान में एक रेस्तरां परिसर में दो सॉरोपोड्स के पैरों के निशान कई पत्थरों के साथ पाए गए थे। जीवाश्म विज्ञानियों ने इसकी जानकारी पिछले महीने दी थी। खबरों में कहा गया कि रेस्तरां की जमीन पर पहले खेत हुआ करता था। समय के साथ धूल की परतों ने डायनासोर के पैरों के निशानों को ढक दिया जिससे ये मौसम की मार झेलने से बच गए और इनका अस्तित्व बरकरार रहा।