बाल कांग्रेस के गठन के समय एक साल में 5 लाख युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन करीब एक साल में यह संख्या 20 हजार भी नहीं पहुंच पाई। बाल कांग्रेस में 230 विधानसभा में प्रत्येक में कैप्टन और उपकैप्टन नियुक्त किया जाना था।
मध्यप्रदेश बाल कांग्रेस एक साल बीत जाने के बाद भी अपने पैरों पर भी खड़ी नहीं हो पा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले साल 14 नवंबर को बाल कांग्रेस का गठन किया था। इसका उद्देश्य एक साल में 16 से 19 साल के पांच लाख युवाओं को कांग्रेस के साथ जोड़ना था। साथ ही उम्मीद की जा रही थी कि इसका फायदा 2023 के विधानसभा चुनाव में लिया जाएगा। जोर शोर से गठन करने के करीब एक साल बाद भी यह रेंग ही रही है।
कैप्टन और उपकैप्टन तक नहीं बने
बाल कांग्रेस के गठन के समय एक साल में 5 लाख युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन करीब एक साल में यह संख्या 20 हजार भी नहीं पहुंच पाई। यह आंकड़े भी कागजों में हैं। बाल कांग्रेस में 230 विधानसभा में प्रत्येक में कैप्टन और उपकैप्टन नियुक्त किया जाना था। अब तक सिर्फ 114 कैप्टन और उपकैप्टन बनने का दावा किया जा रहा है। यानी साफ है कि बाल कांग्रेस के लिए विधानसभा में कैप्टन और उपकैप्टन तक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में 20 हजार सदस्य बनाने का दावा भी कागजी लगता है।
बाला बच्चन और प्रजापति को हटाया
बाल कांग्रेस के गठन के समय प्रदेश अध्यक्ष इंदौर के लक्ष्य गुप्ता को और प्रदेश प्रभारी बाला बच्चन बनाया गया। बच्चन की जिम्मेदारी बाल कांग्रेस की नियमित बैठकें लेने और संगठन को बढ़ाने की थी। लेकिन जनवरी में बाला बच्चन को हटा कर एनपी प्रजापति को प्रभारी बना दिया गया। इसके बावजूद बाल कांग्रेस की गतिविधियां आगे नहीं बढ़ी। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने महेंद्र जोशी को बाल कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी बनाया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
कमलनाथ लेने बाल कांग्रेस की क्लास
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के बंगले पर 10 नवंबर को बाल कांग्रेस की बैठक रखी गई है। इसमें कमलनाथ बाल कांग्रेस की क्लास लेंगे। तीन घंटे की क्लास में बाल कांग्रेस के पदाधिकारियों को राजनीति के साथ ही कांग्रेस की नीतियों के टिप्स दिए जाएंगे। साथ ही उनको बाल कांग्रेस के सदस्य बनाने का टॉस्क भी दिया जाएगा।