इस शहर में भीख मांगने के लिए भी लेना पड़ता है लाइसेंस, जानिए क्या है वजह

वैलिड आईडी कार्ड देने के अलावा पैसा भी करना पड़ता है खर्च

दुनिया में हर तरह के लोग हैं। अमीर से अमीर भी और गरीब से गरीब भी। ऐसे कई लोग हैं जिनके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल काम है। काफी लोग तो भीख मांगकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं । खासकर भारत में तो भिखारी (Beggar) आपको रेलवे स्‍टेशन, बस अड्डा, मंदिर, मेट्रो स्‍टेशन, बाजार या किसी अन्‍य जगह पर जरूर मिल जाएंगे। यहां पर तो लोग बिना किसी को पूछे भीख मांग सकते हैं लेकिन एक ऐसा भी शहर है, जहां ऐसे लोगों को लाइसेंस लेने के बाद ही भीख मांगने की इजाजत मिलती है। आज हम आपको इसी शहर के बारे में बताने वाले हैं।

यह शहर यूरोपीय देश स्‍वीडन स्थित ‘एस्किलस्टूना’ (Eskilstuna) है। करीब एक लाख की आबादी वाला यह शहर स्‍वीडन (Sweden) की राजधानी स्‍टॉकहोम से पश्चिम की ओर पड़ता है। कुछ साल पहले यहां पर भीख मांगने वालों के लिए लाइसेंस फीस अनिवार्य कर दिया गया। इस नियम का मतलब है कि अगर यहां पर अगर कोई व्‍यक्ति लोगों से भीख मांगना चाहता है तो इसके लिए उन्‍हें सबसे पहले अनुमति लेनी होगी। यह अनुमति उन्‍हें एक छोटी सी फीस चुकाने के बाद ही मिलेगी। इस नियम को 2019 में ही लागू किया गया है।

इस नियम के तहत लोगों को भीख मांगने के लिए एक वैलिड आईडी कार्ड (Valid ID Card) देने के अलावा 250 स्वीडिश क्रोना (स्‍वीडन की करेंसी) खर्च करना होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वहां के नेता भीख मांगने के चलन को मुश्किल बनाना चाहते हैं। इसके अलावा यहां की अथॉरिटी को यह जानने में आसानी होगी कि शहर में कहां और कितने ऐसे लोग हैं, जिन्‍हें भीख मांगने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे लोगों से संपर्क करने और उन्‍हें जरूरी मदद करने में सहूलियत होगी। यहां की स्‍थानीय मीडिया का दावा किया गया है कि इस नियम के लागू होने के बाद भीख मांगने वाले लोग अब कुछ छोटे-मोटे दूसरे काम करने की ओर बढ़ रहे हैं।