बात है सन 1976 की, पी.डी.शैलेंद्र (P.D.Shylendra) ने जयानगर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की बेंग्लुरू कॉर्पोरेशन में 50 हज़ार रुपये की लागत से एक 700 स्क्वायर फ़ीट का मल्टी-ब्रैंड स्टोर खोला, स्टोर का नाम था ‘नेत्रा’.
50 हज़ार से 22 करोड़ तक का सफ़र
‘मैंने जयानगर में एक शोरूम खोलने का सपना देखा था, वो उस समय एशिया का सबसे बड़ा रिहायशी इलाका था और मैंने स्टोर खोला.’, The Weekend Leader से बातचीत में शैलेंद्र ने कहा. शैलेंद्र, गजानन मेन्स वेयर प्राइवेट लीमिटेड के डायरेक्टर हैं और आज ये कंपनी 22 करोड़ का टर्नओवर दे रही है.
ग्रैजुएशन के बाद शुरू हुआ एंटरप्रेन्योरशिप का सफ़र
शैलेंद्र ने BSc की पढ़ाई की. उनके पिता पी.एस.देवदास क्रिमिनल लॉयर थे और 9 से 6 की नौकरी में उन्हें विश्वास नहीं था. ग्रैजुएशन के बाद शैलेंद्र ने बतौर पार्टनर एक छोटी सी कंपनी जॉइन की. ये कंपनी फ़ास्टनर्स बनाती थी. शैलेंद्र ने ये पार्टनरशिप छोड़ दी और ‘Modi’, ‘Digjam’ और ‘Modella’ जैसे टेक्स्टाइल ब्रैंड्स के साथ डिस्ट्रीब्यूटरशिप का काम किया.
इसके बाद शैलेंद्र ने ‘नेत्रा’ खोली. ये दुकान कई ब्रैंड्स के सूटिंग्स, शर्टिंग्स और रेडीमेड ड्रेसेज़ बेचती थी. 90 के दशक में शैलेंद्र ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया और इस निर्णय ने उनकी पूरी ज़िन्दगी बदल दी.
शैलेंद्र ने नेत्रा खोलने के लगभग 20 साल बाद Raymond की फ़्रैन्चाइज़ी ली और जयनगर के दूसरे हिस्से में Raymond का आउटलेट खोला. आज 11th Main Road, 4th Block, जयानगर की The Raymond Shop 11,500 स्क्वायर फ़ीट में फैली हुई है और भारत के टॉप तीन स्टोर्स में से एक है. 1th Main Road, जयनगर में खुली The Raymond Shop इस क्षेत्र की पहली कमर्शियल बिल्डिंग थी.
Raymond शोरूम के लिए कम से कम 4000 स्क्वायर फ़ीट एरिया की ज़रूरत थी. शैलेंद्र ने 1995 में जयनगर में 2400 स्क्वायर फ़ीट प्लॉट ख़रीदा और एक बेसमेंट, ग्राउंड फ़्लोर और तीन अपर फ़्लोर्स वाली कमर्शियल बिल्डिंग बनाई. इसमें शैलेंद्र ने 60 लाख रुपये लगाए.
“मैंने शोरूम के लिए बेसमेंट और ग्राउंड फ़्लोर रखा और इन्वेस्टमेंट कॉस्ट निकालने के लिए बाकी तीन फ़्लोर बेच दिए. Raymond का पहला Ready-To-Wear शोरूम अच्छा चल गया. 20 साल बाद ये स्टोर अब 11,500 स्क्वायर फ़ीट तक फैल चुका है.”
स्टोर के लॉन्च के दूसरे ही साल, शैलेंद्र को 1.5 करोड़ का ट्रनओवर मिला. अब ये स्टोर से 22 करोड़ का टर्नओवर देता है. इस सफ़र में शैलेंद्र को कई नकारात्मक बातें भी सुनने को मिली, लेकिन उन्होंने उन सब पर ध्यान नहीं दिया. आज The Raymond Shop, जयानगर पूरे दक्षिण भारत में मशहूर है. शैलेंद्र के स्टोर पर आम लोग, सेलेब्स, नेता सभी आते हैं.
अपने ट्रेड सीक्रेट पर शैलेंद्र ने कहा, ‘मैं हमेशा फ़्लोर्स पर रहा, कस्टमर्स और सेल्स वालों के साथ. 35 साल के बिज़नेस में मैं कभी कैश काउंटर पर नहीं बैठा.’
शैलेंद्र ने फ़्यूचर एंटरप्रेन्योर्स को दिया ये सुझाव दिया
शैलेंद्र ने फ़्यूचर एंटरप्रेन्योर्स और फ़्रैन्चाइजीज़ के लिए एक ही सुझाव दिया. शैलेंद्र ने कहा कि किसी को भी अपने प्रोफ़िट का 100 प्रतिशत अपने पास नहीं रखना चाहिए. 50 प्रतिशत का इस्तेमाल करके और बाकी 50 प्रतिशत को रिज़र्व में रखना चाहिए.