हिमाचल प्रदेश के एक सरकारी उपक्रम में कनिष्ठ अभियंता (जूनियर इंजीनियर) की भर्ती के लिए एक पूर्व सैनिक ने जाली दस्तावेज का सहारा लिया। उसने तीन महीने तक फर्जी दस्तावेज़ से नौकरी की। दस्तावेज की जांच के बाद मामले का खुलासा हुआ और आरोपित पूर्व सैनिक के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया गया।
मामला राजधानी के न्यू शिमला थाना क्षेत्र में सामने आया है। न्यू शिमला पुलिस ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के विजिलेंस विंग की शिकायत पर मामला पंजीकृत किया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक पूर्व सैनिक राकेश कुमार ने सेना कोटे की आरक्षित नौकरी के लिए जाली प्रमाण पत्र (दस्तावेज) दे कर हि.प्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्यालय में कनिष्ठ अभियंता की नौकरी हासिल की है। वह मंडी जिला का रहने वाला है।
पुलिस के मुताबिक आरोपित ने कनिष्ठ अभियंता की नौकरी हड़पने के लिए जाली डिप्लोमा लगाया था। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के विजिलेंस विंग की जांच में इसका खुलासा हो गया। इसके तुरंत बाद आरोपित ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। फर्जी दस्तावेज़ से आरोपित इसी साल जनवरी से मार्च महीने तक कनिष्ठ अभियंता के पद पर नौकरी करता रहा।
न्यू शिमला पुलिस के मुताबिक आरोपित के विरुद्ध आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468 व 471 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।