वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों द्वारा डीसी कार्यालय के बाहर किया धरना प्रदर्शन 

वन रेंक वन पेंशन के मुद्दे को लेकर सोलन  जिला के पूर्व सैनिक डीसी ऑफिस कार्यालय पर एकत्रत हुए। विभिन्न रेजिमेंट्स के पूर्व सैनिकों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगों को लेकर आवाज बुंलद की। अखिल भारतीय पूव सैनिक सेवा परिषद सोलन इकाई के बैनर तले  डीसी कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। परिषद के अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए वन रेंक वन पेंशन बहाली के लिए एकजुटता से संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। संबोधित करते हुए परिषद के अधिकारियों ने कहा कि ओआरओपी-टू में कई तरह की विसंगतियां हैं। उन विसंगतियों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान मांग की गई कि पूर्व सैनिकों की एमएसपी बराबर होनी चाहिए। इसमें तीन फेस बनाए गए हैं। अधिकारियों के लिए एमएसपी को 15500 रुपए किया गया है, एमएनएस को 10 हजार 500 रुपए किया गया है। सिपाही से लेकर सूबेदार मेजर तक सभी को 5200 रुपए एमएसपी की गई है। इस दौरान मांग की गई कि जो अलाउंस दिया गया है वे सभी के लिए बराबर होना चाहिए, चाहे वह किसी भी रैंक का हो। इस दौरान कहा गया कि अपंगता पेंशन में भी बहुत सारी विसंगतियां हैं। सभी को अलग-अलग प्रतिशतता के आधार पर अपंगता पेंशन मिल रही है। यह पेंशन भी सभी को एक समान होना चाहिए। इसके साथ ही प्री मिच्यार रिटायरमेंट को लेकर भी पूर्व सैनिकों ने अपने तर्क दिए। कहा गया कि सैनिक का कार्यकाल 17 साल को होता है। इसमें 15 साल कलर सर्विस और दो साल रिजर्व लाइबिलिटी होती है। सैनिक को 15 साल तक नौकरी करनी पड़ती है तथा उसने के बाद वह डिस्चार्ज ले सकता है, परंतु बीआरएस नहीं है। कहा गया कि जो पूर्व सैनिक प्री मिच्योर रिटायरमेंट लेकर आए हैं उन्हें ओआरओपी में शामिल नहीं किया गया है। इस दौरान रिजर्विस्ट की पेंशन को भी रिवाइज करने की मांग की गई। रिजर्विस्ट की पेंशन को सिपाही रैंक तक किए जाने की मांग की गई।