सद्भावना की मिसाल: श्रीराम के आदर्शों से प्रभावित होकर रामलीला में पाठ खेलते हैं नासिर और अनवर

नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल में इन दिनों रात की रामलीला (Ramleela in Nainital) का मंचन चल रहा है. करीब दो से तीन महीने की तालीम लेने के बाद सभी कलाकार अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. इनमें मुस्लिम समुदाय के कलाकार भी शामिल हैं, जो सद्भावना की मिसाल पेश करते हुए श्रीराम के आदर्शों से प्रभावित होकर रामलीला में पाठ खेलते हैं.

नैनीताल के मल्लीताल स्थित बड़ा बाजार के रहने वाले नासिर अली बचपन से ही रामलीला में पाठ खेल रहे हैं. वह मल्लीताल के श्री राम सेवक सभा में होने वाली रामलीला और आदर्श रामलीला एवं जन कल्याण समिति सूखाताल में अलग-अलग किरदार निभाते आए हैं. पिछले 25 वर्षों से वह रामलीला में मंचन कर रहे हैं. नासिर शांतनु, इंद्र, बाणासुर, मारीच का पाठ खेलते हैं. उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद भी उनके परिवार की तरफ से कोई रोक-टोक नहीं की गई और उन्होंने श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में भी अपनाया है.

वहीं, दूसरी तरफ अनवर रजा ने ‘न्यूज़ 18 लोकल’ से बात करते हुए बताया कि वह करीब 20 से 21 वर्षों से रामलीला से जुड़े हैं. उन्होंने सबसे पहला पाठ भगवान शिव का खेला था और उससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा. इसके बाद उन्होंने शांतनु, विश्वामित्र व अन्य पाठ भी खेले. वर्तमान में वह भी आदर्श रामलीला कमेटी सूखाताल से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि सभी धर्म एक जैसे हैं. अभिनय करने में कोई धर्म की दीवार नहीं होती. नैनीताल जिले में ज्यादातर जगहों पर रात की रामलीला का मंचन होता है.