Gujarat Election: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) में भाजपा मजबूत लड़ाई लड़ रही है। इस चुनाव में भाजपा के लिए क्या संभावनाएं हैं और उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, यह समझने के लिए हमारे विशेष संवाददाता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद से बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश…
प्रश्न- रविशंकर प्रसाद जी, भाजपा गुजरात में 27 साल शासन कर चुकी है। इस बार क्या चुनौती बढ़ गई है?
उत्तर– ये केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के लिए अध्ययन का विषय है कि 27 साल सत्ता में रहने के बाद भी गुजरात में न तो भाजपा के खिलाफ कोई एंटी-इनकम्बेंसी है, और न ही हमारे नेता (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के खिलाफ। प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वे इतने ही लोकप्रिय थे, और पीएम बनने के बाद भी वे गुजरात के लोगों के बीच उतने ही लोकप्रिय हैं।
प्रश्न- आपको क्या लगता है, प्रधानमंत्री गुजरात में इतने लोकप्रिय क्यों हैं?
उत्तर- यह अद्भुत समर्थन और प्यार केवल सत्ता चलाने से नहीं मिलता है। यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गुजरात की जनता की गई सेवा का परिणाम है। जब मैं छात्र जीवन में एबीवीपी का सदस्य था, तब भी गुजरात आता था। मैंने देखा था कि कैसे साबरमती गंदगी से भरी हुई थी। लेकिन आज यह साफ-स्वच्छ है। प्रधानमंत्री जी ने यहां जो अटल ब्रिज बनवाया है, वहां लोग पूरे परिवार के साथ घूमने समय बिताने आते हैं। ऐसा विकास आपको गुजरात के हर कोने में दिखाई पड़ता है। सूरत, भरुच, बड़ोदा, केवड़िया हर कोने में आपको मूलभूत ढांचे का विकास साफ दिखाई पड़ता है। गुजरात हर मायने में आगे दिखाई पड़ता है। यही कारण है कि जनता यह समझती है कि नरेंद्र मोदी केवल सेवा करने को ही अपना लक्ष्य मानते हैं, और इसी कारण उन्हें जनता का अद्भुत प्यार और समर्थन मिलता है।
प्रश्न- पीएम मोदी पर कांग्रेस नेता ने कुछ टिप्पणी की है, उस पर विवाद हो रहा है। आप क्या कहेंगे?
उत्तर- यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा बार-बार पीएम के लिए अभद्र शब्दों का उपयोग किया जाए, यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। शर्मनाक यह है कि यह केवल पहली बार नहीं हो रहा है। सोनिया गांधी हों या कांग्रेस के अन्य नेता, समय-समय पर उन्होंने इसी तरह की अभद्र भाषा का उपयोग किया है। दुर्भाग्य यह है कि जनता उन्हें बार-बार इसका सबक भी सिखा रही है, लेकिन वे सीखने के लिए तैयार नहीं हैं। क्या करें।
प्रश्न- अरविंद केजरीवाल भी गुजरात में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्होंने अपने भावी मुख्यमंत्री का एलान भी कर दिया है। आप गुजरात में कितनी बड़ी चुनौती बन सकती है?
उत्तर- अरविंद केजरीवाल ‘फ्री स्टाइल’ की पॉलिटिक्स करते हैं। जहां भी चुनाव हों, कूद जाओ, हार जाओ, फिर दूसरी जगह जाकर चुनाव में कूद जाओ। पहले यूपी, गोवा, उत्तराखंड, अब हिमाचल प्रदेश और गुजरात। यही उनकी स्टाइल है। क्या करेंगे। वे जहां शासन में हैं, वहां कुछ करके दिखा नहीं पा रहे हैं। दिल्ली में उनका कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन पिछले छह महीने से जेल में है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं, लेकिन फिर भी वे (अरविंद केजरीवाल) उसे बर्खास्त नहीं कर रहे हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। उनका शिक्षा मंत्री शराब घोटाले में पकड़ा जाता है, लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं करते। उन्हें पंजाब में शासन करने का अवसर मिला है, लेकिन अब पंजाब में अलगाववाद बढ़ रहा है। इसके गंभीर नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं। देश इस तरह की सोच वालों से छुटकारा चाहता है।
प्रश्न- आप बिहार के शीर्ष भाजपा नेताओं में से एक हैं। आप लंबे समय तक बिहार में सत्ता में रहे हैं। विकास का जो काम गुजरात में दिखाई पड़ता है, वही काम यूपी या बिहार में क्यों दिखाई नहीं पड़ता?
उत्तर- आप देख रहे हैं कि यूपी में तो बहुत तेजी से विकास हो रहा है। वह कई मायनों में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो चुका है। जहां तक बिहार की बात है, जब तक हम सत्ता में थे, हमने विकास किया। बिहार की जो तस्वीर बदली है, वहां सड़कों और अन्य सुविधाओं का जो काम हुआ है, वह हमारे सत्ता में रहते हुए ही हुआ। केंद्र में रहते हुए भी हम बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार में एम्स का निर्माण, दो केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईएमए और आईआईटी संस्थानों की स्थापना हमारी बिहार के प्रति प्रतिबद्धता को ही दर्शाती हैं। हमने अच्छा काम किया है। लेकिन इसके बाद भी नीतीश कुमार जिस रास्ते पर गए हैं, जाएं। लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं कि अगले चुनाव में बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा और उसका विकास होगा।