
ऑस्टोपोरोसिस की स्थिति में हड्डियां काफी कमजोरी हो जाती हैं और हल्की सी चोट के कारण भी इनके टूटने का खतरा हो सकता है। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए विटामिन-डी और कैल्शियम से युक्त आहार के सेवन के साथ दिनचर्या में नियमित रूप से व्यायाम को शामिल करना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।
आइए जानते हैं कि ऑस्टोपोरोसिस से बचाव के लिए या फिर इसके लक्षणों को कम करने के लिए किन बातों का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए?

अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वालों की हड्डियों का घनत्व कम होता है। वहीं अत्यधिक शराब के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इन दोनों चीजों से दूरी बनाकर न सिर्फ आप ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव कर सकते हैं, साथ ही सेहत के लिए इन्हें कई अन्य प्रकार से भी लाभप्रद माना जाता है। शराब और धूम्रपान को विशेषज्ञ जीवन प्रत्याशा को कम करने वाला भी बताते हैं।
विटामिन-डी की कमी के कारण हड्डियों की सेहत कमजोर हो सकती है। हड्डियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में कुछ समय सूर्य के प्रकाश के संपर्क में जरूर बिताना चाहिए। सूर्य के प्रकाश के साथ त्वचा की प्रतिक्रिया की स्थिति में विटामिन-डी का निर्माण होता है। कैल्शियम के अवशोषण के लिए इसे काफी आवश्यक माना जाता है। हालांकि लंबे समय तक धूप में रहना भी आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
हड्डियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दूध, पनीर और अन्य डेयरी खाद्य पदार्थों के साथ हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकोली, गोभी और भिंडी,सोया, सेम आदि का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। ये सभी कैल्शियम और विटामिन-डी की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं। हड्डियों को स्वस्थ रखने में आहार की विशेष भूमिका होती है।

हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के साथ संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए नियमित व्यायाम बहुत आवश्यक माना जाता है। यह सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण होने वाली दिक्कतों को कम करने के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए आवश्यक है। नियमित व्यायाम की आदत शरीर के संपूर्ण फिटनेस को बेहतर बनाए रखने के लिए काफी लाभदायक है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।