विशेषज्ञों की चेतावनी: हाई ब्लड प्रेशर के कारण बढ़ सकती हैं किडनी की बीमारियां, जानिए कैसे करें इससे बचाव?

विशेषज्ञों की चेतावनी: हाई ब्लड प्रेशर के कारण बढ़ सकती हैं किडनी की बीमारियां, जानिए कैसे करें इससे बचाव?

किडनी की बीमारियों के मामले

हाई ब्लड प्रेशर, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। रक्तचाप बढ़े रहने की समस्या को हृदय रोगों के लिए काफी खतरनाक माना जाता है, पर क्या आप जानते है कि इससे सिर्फ हृदय ही नहीं शरीर के कई अन्य अंगों को भी क्षति होने का जोखिम हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जिन लोगों का रक्तचाप अक्सर अनियंत्रित बना रहता है, ऐसे लोगों में किडनी की बीमारियों का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। यदि समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाए और रक्तचाप अक्सर सामान्य से अधिक बना रहे तो इसके कारण कुछ स्थितियों में किडनी फेलियर तक की भी समस्या हो सकती है।

आंकड़े बताते हैं कि पश्चिमी देशों में क्रोनिक किडनी डिजीज के दो-तिहाई से अधिक मामले उच्च रक्तचाप और मधुमेह के कारण होते हैं। भारत में लगभग 40-60% किडनी रोगों के लिए ब्लड प्रेशर बढ़े रहने की समस्या को जिम्मेदार माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि किडनी की समस्याएं घातक हो सकती हैं, ऐसे में सभी लोगों को इसके शरीर पर होने वाले गंभीर दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक रहना चाहिए

हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की समस्या

अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च रक्तचाप वाले रोगियों में समय के साथ किडनी की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप की स्थिति में किडनी की वाहिकाओं और फिल्टर प्रक्रिया को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर से अपशिष्ट को निकालना मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति न सिर्फ किडनी, बल्कि पूरे शरीर में विषाक्तता बढ़ाने वाली हो सकती है। इस खतरे को लेकर सभी लोगों को सतर्कता बरतते रहनी चाहिए।

ब्लड प्रेशर का किडनी की सेहत पर असर

किडनी की समस्याओं का पहचान

विशेषज्ञ कहते हैं, उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों को आमतौर पर पता ही नहीं चल पाता है कि वह किडनी की बीमारी के शिकार हो गए हैं। जब तक ब्लड यूरिया, सीरम क्रिएटिनिन और जीएफआर जैसे परीक्षण न किए जाएं तब तक समस्या का निदान ही नहीं हो पाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को साल में कम से कम दो बार फुल बॉडी चेकअप कराने की सलाह देते हैं जिससे शरीर में होने वाली अन्य समस्याओं का समय रहते पता चल सके। 

डॉक्टर्स के मुताबिक यदि आपमें उच्च रक्तचाप के साथ किडनी की बीमारियों का पता चलता है तो ऐसी स्थिति में ब्लड प्रेशर और किडनी, दोनों का इलाज किया जाना आवश्यक हो जाता है।  ऐसे लोगों को अपनी जीवनशैली और आहार में बदलाव के माध्यम से रक्तचाप को नियंत्रित रखने के प्रयास करने चाहिए। इन स्थिति में दवाइयों के साथ-साथ लाइफस्टाइल मैनेजमेंट बहुत जरूरी हो जाता है।
किडनी की बीमारियों से बचाव के तरीके

किडनी की समस्या और रक्तचाप को कंट्रोल करने के उपाय
किडनी की समस्या और रक्तचाप, दोनों को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले किसी विशेषज्ञ से मिलकर सही आहार के बारे में जानकारी ले लें। इन दोनों ही बीमारियों से ग्रसित लोगों को नमक का कम सेवन करना चाहिए, सोडियम की अधिकता ब्लड प्रेशर और किडनी दोनों के लिए नुकसानदायक है। इसके अलावा नियमित व्यायाम की आदत बनाकर रक्चचाप को नियंत्रित करने में आसानी होती है। नींद पूरी करना भी ऐसे रोगियों के लक्षणों को कम करने के लिए काफी आवश्यक माना जाता है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।