रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन में स्थिति नाजुक बनी हुई है. बीते आठ महीनों से दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने हैं. लाखों लोगों का जीवन इससे प्रभावित हुआ है. जहां बड़ी संख्या में यूक्रेन के लोग पोलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में शरणार्थी बनकर जाने को मजूबर हैं, वहीं अब भारतीय दूतावास ने भारतीयों को तुरंत यूक्रेन की राजधानी कीव छोड़ने के लिए कहा है. भारतीय दूतावास ने इसके लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है. भारतीय दूतावास को यह कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी आइए जानने की कोशिश करते हैं:
भारतीय दूतावास ने भारतीयों को कीव छोड़ने के लिए क्यों कहा?
Russia-Ukraine War के बीच भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि यूक्रेन में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ती जा रही है. हालात गंभीर होते जा रहे हैं. ऐसे में भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा नहीं करनी चाहिए. साथ ही भारतीयों को जल्द से जल्द कीव को छोड़ देना चाहिए. भारतीय दूतावास की यह एडवाइजरी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की उस घोषणा के बाद जारी की गई है, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के कब्जे से छीने गए उन चार इलाकों में मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया था, जिन पर रूस ने बीते माह अपना अधिकार होने का दावा किया था.
क्या बिगड़ रहे हैं यूक्रेन के हालात, खतरे में है राजधानी कीव?
बीते कुछ दिनों का घटनाक्रम देखें तो रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. खासकर कीव उसके निशाने पर है. कथित तौर पर हाल ही में रूसी सेना ने कीव पर कामिकेज़ ड्रोन का इस्तेमाल किया और यूक्रेन की राजधानी का खूब नुकसान किया. इस हमले में कीव की कई इमारतों में भीषण आग लग गई है और पूरे शहर में तबाही का मंजर था. इससे पहले रूसी सैनिकों ने 10 अक्टूबर को भी कीव को निशान बनाया था और जबरदस्त बमबारी की थी. इन हमलों में 15 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर आई थी. जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.
पुतिन की घोषणा के बाद यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में मार्शल लॉ
यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने यह भी बताया था कि इसके लिए प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन को एक विशेष समन्वय परिषद स्थापित करने के लिए कहा गया है. दूसरी तरफ पुतिन की इस घोषणा के बाद रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों के लोगों को सलाह दी गई थी कि वे जल्द से जल्द इलाका छोड़ दें. इस सबके बीच रूस-यूक्रेन युद्ध, दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.